खाई से बरामद मां और बेटियों के शव की हुई शिनाख्‍त, इसलिए हुई हत्‍या

खाई में मृत मिली किशोरी, महिला और डेढ़ साल के मासूम के शव की शिनाख्‍त कर ली गई है। मृतकों की पहचान जगलियागांव के चंद्रशेखर की पत्नी व बेटियों के रूप में हुई है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 23 Jan 2019 11:44 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jan 2019 06:55 PM (IST)
खाई से बरामद मां और बेटियों के शव की हुई शिनाख्‍त, इसलिए हुई हत्‍या
खाई से बरामद मां और बेटियों के शव की हुई शिनाख्‍त, इसलिए हुई हत्‍या

भीमताल, जेएनएन : धारी ब्‍लॉक के देवनगर से सोमवार की देर रात बरामद महिला, किशोरी और मंगलवार की रात अबोध बालिका के शव की शिनाख्त कर ली गई है। शव की शिनाख्‍त भीमताल के अन्तर्गत जंगलियांगाव के तोक सिमाला निवासी विमला देवी पत्नी चंद्रशेखर उम्र 35 वर्ष, उमा पुत्री चंद्रशेखर उम्र 14 वर्ष व रेनू पुत्री चंद्रशेखर उम्र 10 माह के रूप में हुई है। शवों की शिनाख्त विमला देवी के देवर वंशीधर ने की। राजस्व पुलिस की मदद को उतरी रेगुलर पुलिस ने मामले को खोला है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में हत्या करने का शक पति चंद्रशेखर पुत्र बिशन राम निवासी सिमाला गांव पर ही है। घटना की वजह विमला देवी के चरित्र पर चंद्रशेखर का शक करना बताया जा रहा है।
19 जनवरी की शाम हरीश चंद्र पुत्र अंबा दत्त निवासी अलचौना ने चंद्रशेखर को अपनी पत्नी विमला देवी, बेटी उमा और चंद्रशेखर की गोद में रेनू को लिये थूम गांव के बगल से गुजरते देखा था। पुलिस को हरीश चंद्र ने बताया कि उस समय उन्‍होंने बातचीत में बताया कि चंद्रशेखर की बूआ जिनकी मौत हो चुकी है, उनके गांव तिमली जा रहे हैं। वहीं बुधवार को तड़के चंद्रशेखर के भाई बंशीधर ने भीमताल थाने में पहुंच कर अपनी भाभी विमला, भतीजी उमा और रेनू के गायब होने की सूचना दी। इस दौरान बंशीधर ने बताया कि उसका भाई चंद्रशेखर मंगलवार की रात से अपने लिये बीड़ी, मीट व अन्य सामग्री के साथ चांफी के पुल सिरवा पर बुला रहा है। चंद्रशेखर का एक दस वर्षीय बेटा धीरज जो कि कक्षा चार में पढ़ता है इन दिनों अपनी बुआ भावना पत्नी प्रकाश चंद्र के वहां धुलई में रह रहा है।

भाई को भी मारने की थी प्‍लानिंग
बंशीधर के मुताबिक उसने कई बार भाभी और भतीजी से बातचीत करने की इच्छा जताई तो चंद्रशेखर ने बात कराने में आनाकानी की। पुलिस को दिये बयान में बंशीधर ने बताया कि मंगलवार को जब उसने अखबार में खबर पढ़ी तो उसे शक हुआ और उसने भाई चंद्रशेखर से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन फोन बंद आया।
मंगलवार की रात चन्‍द्रशेखर ने फिर फोन कर बीड़ी, मीट आदि लाने के लिए कहा। बंशीधर के मुताबिक मंगलवार की रात मौसम खराब होने के कारण उसने वहां जाने से मना कर दिया तब चंद्रशेखर ने बुधवार को सवेरे 11 बजे सिरवा पुल पर मिलने की बात कही। लेकिन सवेरे शवों के मिलने की खबर पढ़ने के बाद सीधे थाने पहुंचा। 

पत्नि पर शक के कारण चंद्रशेखर ने चाचा पर डाल दिया था तेजाब
बंशीधर के मुताबिक चंद्रशेखर अपनी पत्‍नी पर शक करता था। इसी कारण उसने मंगलवार 23 जनवरी की देर शाम रिश्ते में चाचा लगने वाले मोहर राम पुत्र पनी राम पर दराती से हमला करने का प्रयास किया और विफल होने पर तेजाब डाल दिया। मोहन राम का इलाज सुशीला तिवारी अस्पताल में चल रहा है। वहीं क्षेत्रवासियों की माने तो मोहन राम ने हमले के दौरान चंद्रशेखर से दराती भी छीनी थी। घटना में मोहन राम को काफी चोट आई थी।

हरिनगर जंगलियागांव में राज मिस्त्री का कार्य करता है चंद्रशेखर
पुलिस के मुताबिक शक्की मिजाज का चंद्रशेखर और उसका पूरा परिवार मूल गांव सिमला छोड़ कर गांव के ऊपर हरिनगर जंगलियागांव मे रहने लगा था। दो दिन से जब चंद्रशेखर और उसका परिवार गांव में नहीं दिखा तब आस पास रहने वाले लोंगों ने भी इसकी सूचना चंद्रशेखर के भाई बंशीधर और पुलिस को दी। हरिनगर में चंद्रशेखर रमेश चंद्र पुत्र नंद राम के घर किराये के कमरे में रहता है। रमेश चंद्र कहीं बाहर नौकरी करता है।

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