बुधवार को बराबर होंगे दिन और रात, इसके बाद छोटी होले लगेगी दिन की अवधि

इस साल शरद विषुव (equinox) भारतीय समयानुसार बुधवार की रात 1251 बजे होगा। जिसके चलते दिन व रात की अवधि बराबर यानी 12-12 घंटे की होगी। इसके बाद से रात की तुलना में दिन छोटे होने शुरू हो जाएंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 08:34 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 08:34 PM (IST)
बुधवार को बराबर होंगे दिन और रात, इसके बाद छोटी होले लगेगी दिन की अवधि
बुधवार को बराबर होंगे दिन और रात, इसके बाद छोटी होले लगेगी दिन की अवधि

जागरण संवाददाता, नैनीताल : इस साल शरद विषुव (इक्विनाक्स) भारतीय समयानुसार बुधवार की रात 12:51 बजे होगा। जिसके चलते दिन व रात की अवधि बराबर यानी 12-12 घंटे की होगी। इसके बाद से रात की तुलना में दिन छोटे होने शुरू हो जाएंगे।

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान नैनीताल (एरीज) के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय के अनुसार पृथ्वी के अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुके होने के कारण दिन व रात की अवधि घटती-बढ़ती रहती है। खगोलीय दृष्टि से विषुव का समय क्षणभर का होता है।

विषुव ऐसा समय बिंदु होता है जिसमें दिन व रात्रि लगभग बराबर होते हैं। 21 जून से सूर्य ग्रीष्म अयनांत (सोलस्टिस) के बाद दक्षिणायन हो जाता है। इसी दिन से दिन छोटे होने लगते हैं। दिन छोटे होने का क्रम लगभग 21 दिसंबर तक जारी रहता है। इस तिथि को रात सबसे लंबी व दिन सबसे छोटा होता है। इसके बीच में 21 से 23 सितंबर के बीच एक तिथि ऐसी भी आती है, जब दिन व रात की अवधि बराबर हो जाती है।

भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बेंगलुरू के सेवानिवृत्त वरिष्ठ विज्ञानी प्रो. आरसी कपूर के अनुसार, पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुके होने के कारण सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के दोनों गोलाद्र्घ में बराबर नहीं पड़ता है। उत्तरी गोलाद्र्घ में ग्रीष्म काल के दौरान अधिक प्रकाश पड़ता है और शीतकाल में दक्षिणी गोलाद्र्घ में ज्यादा पड़ता है। 21 से 23 सितंबर के मध्य दिन व रात की अवधि दोनों गोलाद्र्घों में समान हो जाती है और यही स्थिति मार्च 20 व 21 यानी बसंत विषुव पर रहती है। इसके बाद शरद विषुव 2022 व 2023 में 23 सितंबर को होगा, जबकि 2024 व 2025 में 22 सितंबर को होगा।

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