सुबह फसल और शाम को 'लाडली' चली गई

तराई पूर्वी डिवीजन की दक्षिणी जौलासाल रेंज में मंगलवार सुबह वन विभाग की टीम ने गुर्जर की खेती नष्ट की और शाम को बेटी चल बसी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Dec 2020 01:30 AM (IST) Updated:Wed, 30 Dec 2020 01:30 AM (IST)
सुबह फसल और शाम को 'लाडली' चली गई
सुबह फसल और शाम को 'लाडली' चली गई

हल्द्वानी-चोरगलिया : तराई पूर्वी डिवीजन की दक्षिणी जौलासाल रेंज में मंगलवार सुबह वन विभाग की टीम ने गुर्जर द्वारा तीन एकड़ में की जा रही खेती को नष्ट कर दिया। रिजर्व फारेस्ट में खेती को फारेस्ट एक्ट का उल्लंघन बताते हुए अफसरों ने ट्रैक्टरों से गेंहू व चारे को जुतवा दिया। इस दौरान परिवार के लोगों से टीम की नोक-झोंक भी हुई। वहीं, शाम के वक्त खेती करने वाले गुर्जर की तीन साल की बीमार बेटी ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद से घर में कोहराम मचा है।

दक्षिणी जौलासाल रेंज में रहने वाले गुर्जर मोहम्मद गनी की तीन साल की बेटी आयशा लंबे समय से बीमार थी। हरिद्वार व अन्य जगहों पर उसका उपचार करवाया गया। उसके बावजूद ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। सोमवार को गनी अपनी बेटी को दिखाने के लिए जसपुर के एक अस्पताल गया हुआ था। मंगलवार सुबह छह बजे करीब प्रशिक्षु आइएफएस अभिमन्यु कुमार के नेतृत्व में पहुंची टीम ने खेती को नष्ट कर दिया। रेंजर विजय चंद्र भट्ट ने बताया कि गुर्जरों को चरान व चुगान हेतु आवेदन करने पर सशर्त अनुमति मिलती है। इस साल वन गुर्जरों ने वनभूमि को गैर वानिकी कार्य के लिए जोत दिया गया। जो कि फारेस्ट एक्ट का उल्लंघन है। अतिक्रमण हटाने के दौरान दोनों पक्षों में काफी बहस भी हुई। लेकिन बड़ी संख्या फोर्स पहुंचने के कारण गुर्जर परिवार ज्यादा विरोध नहीं कर सका। वहीं, शाम को गनी बेटी को लेकर घर पहुंचा। फसल नष्ट होने की वजह से परिवार के सभी लोग परेशान थे। इस बीच अचानक आयशा की तबीयत बिगड़ गई। उसे अस्पताल ले जाने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। घटना के बाद आसपास रहने वाले अन्य गुर्जर भी सांत्वना देने के लिए घर पहुंच गए। हर कोई यही कह रहा था कि मंगलवार का दिन गनी के परिवार पर कहर बनकर आया।

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