हल्‍द्वानी नगर निगम : छूट के साथ भवन कर जमा कराने की तिथि 31 दिसंबर तक बढ़ी

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विलंब से भवन कर व दुकान किराया देने वालों की बल्ले-बल्ले है। नगर निगम बोर्ड ने 25 प्रतिशत छूट के साथ भवन व स्वच्छता कर जमा कराने की अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 11:40 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 11:40 AM (IST)
हल्‍द्वानी नगर निगम : छूट के साथ भवन कर जमा कराने की तिथि 31 दिसंबर तक बढ़ी
हल्‍द्वानी नगर निगम : छूट के साथ भवन कर जमा कराने की तिथि 31 दिसंबर तक बढ़ी

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विलंब से भवन कर व दुकान किराया देने वालों की बल्ले-बल्ले है। नगर निगम बोर्ड ने 25 प्रतिशत छूट के साथ भवन व स्वच्छता कर जमा कराने की अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। दुकान किराया पर 10 रुपये व ट्रेड लाइसेंस नवीनीकरण पर पांच रुपये प्रतिदिन विलंब शुल्क भी दिसंबर अंत तक के लिए माफ कर दिया है। बैठक में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 142.83 करोड़ के बजट को मंजूरी दी है।

मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला की अध्यक्षता में गुरुवार को निगम सभागार में पूर्वाह्न 11:30 बजे बैठक शुरू हुई। पिछले वर्ष के अवशेष को मिलाकर 151.14 करोड़ की आय जुटाने का लक्ष्य रखते हुए 8.30 करोड़ लाभ का बजट दर्शाया है। सदन ने 10 प्रस्तावों को ध्वनिमत से पारित कर दिया। घोड़ा बुग्गी वालों से स्वच्छता शुल्क व विभागों से सेस लेने संबंधी पांच प्रस्तावों पर कार्यवाही के लिए दो अलग-अलग समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। करीब चार घंटे चली बैठक में अधिकांश प्रस्ताव पास हो गए।

लेखाकार गणेश भट्ट ने वार्षिक बजट पेश किया। पार्षद मो. गुफरान ने ताज चौराहे का नाम तिरंगा चौराहे करने के फैसले का ध्वनिमत से समर्थन किया। बैठक में नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, एसएनए गौरव भसीन, विजेंद्र चौहान, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मनोज कांडपाल, कर अधीक्षक महेश पाठक, कर निरीक्षक पूजा, पार्षद मनोज जोशी, शकील अंसारी, दीपा भट्ट, रोहित कुमार, जीशान परवेज, लईक कुरैशी, महेश चंद्र, नीमा तिवारी, दीपा बल्यूटिया, महबूब आलम, रईस वारसी समेत अन्य पार्षद शामिल रहे।

घोड़ा बुग्गी से शुल्क लेने को समिति गठित

निगम की आय वृद्धि के लिए कुछ प्रस्ताव लाए गए। गौला नदी से चलने वाले घोड़ा बुग्गी वालों से 50 रुपये प्रतिदिन स्वच्छता शुल्क लेने के मामले में पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर रिपोर्ट मांगी गई है। समिति में पार्षद कम्मो रानी, धर्मवीर डेविड, मो. गुफरान, लईक अहमद, महेश चंद्र, कुबरा बेगम शामिल हैं। पार्षद रवि वाल्मीकि ने सदन में कहा कि 50 रुपये शुल्क अधिक है। धनराशि कितनी हो, इसके लिए संबंधित क्षेत्र के पार्षदों की समिति बने।

सेस लेने पर समिति करेगी विचार

गैस पाइपलाइन बिछाने वाली कंपनियों ने प्रति कनेक्शन मासिक शुल्क लेने, निगम क्षेत्र के तहत संपत्तियों के हस्तांतरण पर संपत्ति मूल्य रजिस्ट्री विभाग व विद्युत पोल, सब स्टेशन पर वार्षिक टर्नओवर के आधार पर ऊर्जा निगम से सेस लेने मामले में नगर आयुक्त द्वारा अधिकारियों की कमेटी गठित करने पर सहमति बनी। समिति एक माह में रिपोर्ट देगी। छूटे ट्रेड व्यवसायों का शुल्क तय करने का काम भी समिति करेगी।

ये प्रस्ताव भी हुए पास

-योग्यता रखने वाले कार्मिकों नियमानुसार एसीपी का लाभ दिया जाएगा।

-कार्यकारिणी समिति सदस्य नियुक्त करने को मेयर को अधिकृत किया।

-फीकल स्लज सैप्टेज प्रबंधन के लिए उपविधि बनाने पर मंजूरी।

-सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित करने को उपविधि बनाने पर सहमति।

-केंद्रीय वित्त से प्राप्त टाइड व अनटाइड फंड खर्च के लिए मेयर अधिकृत।

-ताज चौराहे का नाम तिरंगा चौराहा करने का निर्णय। चौराहा संवारा जाएगा।

-सहायक नगर आयुक्त विजेंद्र चौहान का कार्यकाल एक वर्ष बढ़ाने पर सहमति।

बैठक से पहले पार्षदों का सांकेतिक प्रदर्शन

बोर्ड बैठक से पहले कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने नगर निगम के बाहर प्रदर्शन कर विरोध जताया। कहा कि पार्षदों के प्रस्ताव बोर्ड में नहीं लाए जा रहे। बैठक में लाए प्रस्तावों का चुनावी बताया। बैठक में शामिल होने पहुंचे मेयर ने पार्षदों ने बैठक में शामिल होने को कहा। पार्षद पीछे-पीछे सभागार में पहुंच गए। यहां नेता प्रतिपक्ष नरेंद्रजीत सिंह रोडू, राजेंद्र जीना, रवि जोशी, नीरज बगडवाल, हेमंत शर्मा मोना, पार्षद प्रतिनिधि तौफीक अहमद शामिल रहे।

मीडिया कर्मियों को बैठक से दूर रखा

बोर्ड बैठक में पहली बार मीडिया कर्मियों को शामिल नहीं होने दिया गया। कवरेज के लिए पहुंचे मीडिया कर्मियों से पहले नगर आयुक्त व फिर मेयर ने सभागार से बाहर जाने का आग्रह किया। कुछ पार्षदों ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को बोर्ड बैठक की कवरेज में शामिल होने से रोकने का विरोध किया। मेयर ने एक्ट के प्रविधान का हवाला दिया तो मीडिया कर्मी सदन से बाहर निकल आए।

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