Omicron variant का बढ़ रहा खतरा, दिसंबर में पूरी हो जाएगी हल्द्वानी में 50 करोड़ के कोविड अस्पताल की मियाद
दक्षिण अफ्रीका के साथ दुनियाभर में कोरोनावायरस के Omicron variant का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। केन्द्र सरकार के साथ उत्तराखंड सरकार ने भी इसको लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है। वहीं हल्द्वानी में डीआरडीओ की ओर से तैयार अस्थाई अस्पताल की मियाद दिसंबर में पूरी हो जाएगी।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : दक्षिण अफ्रीका के साथ दुनियाभर में कोरोनावायरस के ओमीक्रॉन वैरिएंट (Omicron variant) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। केन्द्र सरकार के साथ उत्तराखंड सरकार ने भी इसको लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है। वहीं कोविड दूसरी लहर के दौरान हल्द्वानी में डीआरडीओ की ओर से तैयार जनरल बीसी जोशी अस्थायी कोविड अस्पताल (DRDO Covid hospital Haldwani) की मियाद दिसंबर में पूरी हो जाएगी। 50 करोड़ की लागत से बने अस्पताल को छह महीने पूरे हो गए हैं। अब इस अस्पताल में आगे संचालन करना है या नहीं, फिलहाल सरकार की ओर से किसी तरह के दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।
राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी परिसर में 500 बेड का अस्थायी कोविड अस्पताल जून, 2021 में बनाया गया था। इसका निर्माण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने करीब 50 करोड़ की लागत से किया था। हालांकि यह अस्पताल तब स्थापित हो सका था, जब दूसरी लहर का कहर कम हो गया था। महज औपचारिकता के लिए इस अस्पताल में मरीजों को भर्ती किया जाने लगा।
निर्धारित मानक के अनुसार इस अस्पताल को छह महीने तक ही संचालित करना है। यह समय दिसंबर में पूरा हो जाएगा। दरअसल, इस समय कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर पूरे प्रदेश में सतर्कता बरती जा रही है। कोरोना के नए मामले भी सामने आने लगे हैं। ऐसे में इस अस्पताल की भविष्य में जरूरत पड़ सकती है। फिलहाल शासन स्तर के किसी भी तरह के निर्देश न मिलने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
अब तक 76 मरीज हो चुके हैं भर्ती
जनरल बीसी जोशी अस्थायी कोविड अस्पताल में 500 बेड हैं। इसमें 100 बेड बच्चों के लिए निर्धारित किए गए हैं। आइसीयू आदि की सुविधाएं भी हैं। इसमें डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय का ही स्टाफ है। अब तक करीब कोरोना संक्रमित 76 मरीजों को भर्ती किया गया है।
शासन को भेजा गया पत्र
राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी के प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने बताया कि वैसे तो नियम के तहत अस्थायी कोविड अस्पताल अनुसार दिसंबर तक संचालित होना है। आगे इसका संचालन करने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। जिस तरह के निर्देश आएंगे, उसी आधार पर काम किया जाएगा।