कोर्ट में फर्जी दस्तावेज दर्ज कर साइबर क्र‍िमिनल बना था नाबालिग, अधिवक्‍ता व प्रधानाचार्य पर केस दर्ज

लालकुआं कोतवाली पुलिस द्वारा साइबर ठगी में गिरफ्तार एक आरोपित ने न्यायालय में आयु से संबंधित फर्जी दस्तावेज दाखिल कर खुद को बाल अपचारी घोषित कर दिया। जिसपर कोतवाली पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर पैरोकार व प्रधानाचार्य के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर विवेचना शुरू कर दी है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 24 Aug 2021 10:19 AM (IST) Updated:Tue, 24 Aug 2021 10:19 AM (IST)
कोर्ट में फर्जी दस्तावेज दर्ज कर साइबर क्र‍िमिनल बना था नाबालिग, अधिवक्‍ता व प्रधानाचार्य पर केस दर्ज
कोर्ट में फर्जी दस्तावेज दर्ज कर साइबर क्र‍िमिनल बना बना था नाबालिग, अधिवक्‍ता व प्रधानाचार्य पर केस दर्ज

लालकुआं, जागरण संवाददाता : लालकुआं कोतवाली पुलिस द्वारा साइबर ठगी में गिरफ्तार एक आरोपित ने न्यायालय में आयु से संबंधित फर्जी दस्तावेज दाखिल कर खुद को बाल अपचारी घोषित कर दिया। जिसपर कोतवाली पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर पैरोकार व प्रधानाचार्य के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर विवेचना शुरू कर दी है।

17 फरवरी 2021 को सेंचुरी पेपर मिल की स्टाफ कालोनी में रहने वाले विकास अग्रवाल से अपने को पूर्व सैनिक बताने वाले व्यक्ति ने ओएलएक्स पर आल्टो कार को 25 हजार रुपए में बेचने का विज्ञापन देकर एक लाख तीन हजार रुपए ठग लिए थे। जबकि दूसरे मामले में नौ अप्रेल को पदमपुर देवलिया मोटाहल्दू में कैंटीन का काम करने वाले गौरव सिंह से अज्ञात व्यक्ति द्वारा रिस्तेदार बनकर उसके खाते में 15 हजार रुपए डालने के नाम उल्टा उससे 83 हजार रुपए की ठगी की गई।

कोतवाल संजय कुमार के नेतृत्व में पुलिस द्वारा दोनों मामलों में भरतपुर राजस्थान व मथुरा यूपी से आरोपित मिजाज खान पुत्र रसीद खान, इमरान खान पुत्र रहीस खान व कामरान पुत्र ईसब निवासी भरतपुर राजस्थान, हैदल अली पुत्र फारुख निवासी मथुरा यूपी को गिरफ्तार किया गया। इधर साइबर ठगी में पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपितों में से कामरान व हैदर अली व उनके पैरोकारों द्वारा न्यायालय में दाखिल किए गए शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर न्यायालय द्वारा उन्हें बाल अपचारी घोषित कर राजकीय संप्रेषण गृह हल्द्वानी भेज दिया गया।

शक होने पर कोतवाल संजय कुमार द्वारा बाल अपचारी हैदर अली द्वारा शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यालय श्रीहरिया इण्टर कालेज मूढसेरस थाना गोवर्धन जिला मथुरा में जाकर जांच की। प्रधानाचार्य राजेन्द्र सिंह दिखाई गई छात्र उपस्थिति पंजिका का अवलोकन करने पर उसकी प्रविष्टियां अलग पेन से लिखी प्रतीत हो रही थीं। इसके अलावा हैदर के कक्षा अध्यापकों के पास हैदर को कोई रिकार्ड नहीं मिला।

कोतवाल द्वारा सभी दस्तावेजों को कोर्ट में दाखिल किया गया। जिसके बाद फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले पैरोकार व विद्यालय के प्रधानाचार्य के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इधर कोर्ट द्वारा सोमवार को हैदर व कामरान की जमानत को खारिज कर दी है। जिसके बाद अब आरोपितों को नैनीताल हाईकोर्ट में जमानत के लिये आवेदन करना पड़ेगा।

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