कुमाऊं में साइबर थाना जल्द, शासन से मिली सैद्धातिक स्वीकृति

साइबर अपराधों पर रोकथाम के लिए कुमाऊं में साइबर थाना जल्द खुलने की उम्मीद बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 05:00 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 06:17 AM (IST)
कुमाऊं में साइबर थाना जल्द, शासन से मिली सैद्धातिक स्वीकृति
कुमाऊं में साइबर थाना जल्द, शासन से मिली सैद्धातिक स्वीकृति

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : साइबर अपराधों पर रोकथाम के लिए कुमाऊं में साइबर थाना जल्द खुलने की उम्मीद बढ़ गई है। डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने कहा कि साइबर थाना खोलने के लिए शासन ने सैद्धातिक स्वीकृति दे दी है। पंतनगर या हल्द्वानी में यह प्रस्तावित है। डीजी शनिवार शाम जिले की अपराध समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।

डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि उत्तराखंड पृथक होने के बाद राज्य के जनपदों में संगीन अपराध आधा रह गया है। अपराध व अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह से सक्षम है। अत्याधुनिक हथियारों से लेकर प्रशिक्षित जवान व कमाडो पुलिस के पास हैं। साइबर अपराध रोकने के लिए हर जिले में पृथक सेल खोले गए हैं। हर हाल में साइबर क्राइम की रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। अगर कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं करेगा तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। कैदियों के भागने की संख्या बढ़ी

डीजी लॉ एंड आर्डर ने कहा कि पुलिस कस्टडी से भागने वाले कैदियों की संख्या बढ़ी है। कैदी के भागने पर दोषी पुलिसकíमयों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे भविष्य में पुलिसकर्मी डयूटी में लापरवाही नहीं बरतेंगे। कहा कि सोशल मीडिया पर चलने वाली खबरों पर पुलिस की विशेष नजर है। फेक न्यूज फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा डीजी ने लॉकडाउन व अनलॉक की समीक्षा, जनशिकायतें, महिला शिकायतें, कंट्रोल रूमों में आने वाली शिकायतों व समस्याओं पर की गयी कार्रवाई की समीक्षा भी की। गैंगस्टर अपराधियों की संपत्ति होगी जब्त

डीजी लॉ एंड आर्डर ने कहा कि गिरोह बनाकर पेशेवर अपराध करने वालों पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई करने के साथ ही संपत्ति की जाच भी कराई जाएगी। अगर उनकी संपत्ति अपराध के जरिये अíजत मिलीतो जब्त की जाएगी। आपदा प्रबंधन के लिए पुलिस तैयार

अशोक कुमार ने कहा कि बरसात में पर्वतीय जिलों में प्राकृतिक आपदा आने की खतरा अधिक बढ़ जाता है। पुलिस ने मानसूत्र सत्र से पहले ही आपदा प्रबंधन के लिए तैयारी पूरी कर ली थी। राज्य में कुल 32 एसडीआरएफ की टीमों का गठन कर उनकी संवेदनशील स्थानों पर तैनाती कर दी गई है।

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