बचपन से ही शुभम बनना चाहते थे आइएएस, रिजल्ट का इंतजार करने की बजाए चौथे टर्म के लिए शुरू कर दी थी तैयारी

यूपीएससी में 43वीं रैंक हासिल करने वाले शुभम बचपन से ही आइएएस बनना चाहते थे। यही वजह थी कि कई बार मिली असफलता भी उन्हें उनके लक्ष्य से डिगा नहीं सकी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 05:21 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 05:21 PM (IST)
बचपन से ही शुभम बनना चाहते थे आइएएस, रिजल्ट का इंतजार करने की बजाए चौथे टर्म के लिए शुरू कर दी थी तैयारी
बचपन से ही शुभम बनना चाहते थे आइएएस, रिजल्ट का इंतजार करने की बजाए चौथे टर्म के लिए शुरू कर दी थी तैयारी

रामनगर, जेएनएन : यूपीएससी में 43वीं रैंक हासिल करने वाले शुभम बचपन से ही आइएएस बनना चाहते थे। यही वजह थी कि कई बार मिली असफलता भी उन्हें उनके लक्ष्य से डिगा नहीं सकी। हर बार असफलता मिलने पर एक नए जज्बे के साथ परीक्षा में बैठे। हर हाल में आईएएस बनने का दृढ़ निश्चय ही था कि तीसरी बार भी बेहतर रैंक नहीं मिलने की आशंका में शुभम ने चौथी बार फिर से परीक्षा देने के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। लेकिन तीसरे प्रयास मेें ही उनका सपना आखिरकार मंगलवार को सच हो गया। सपना सच होने पर परिजनों को फोन करके जानकारी दी।

हाईस्कूल में ए प्लस और इंटर में 93 प्रतिशत अंकों के साथ परीक्षा पास करने के बाद शुभम ने दिल्ली का रुख कर लिया था। दिल्ली में रहकर आईएएस की परीक्षा के बारे में जानकारी लेकर इसकी तैयारी शुरू की थी। बैंकिंग सेटर में शानदार सफलता मिली लेकिन इस जॉब से भी वह संतुष्ट नहीं हुए। आईएएस का सपना सच करने के लिए तैयारी को जारी रखा। शुभम के पिता अतुल ने बताया कि उनके बेटे की प्रशासनिक सेवा में जाने की छात्र जीवन से ही इच्छा थी। पुत्र की सफलता पर जो खुशी मिली है उसे बयां करना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि शुभम की मां रचना गृहिणी हैं। उसकी बड़ी बहन राशि अग्रवाल है। जिनकी शादी हो चुकी है। शुभम दूसरे नंबर के हैं।

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