कहीं आप भी तो इंटरनेट पर बैंक का कस्‍टमर केयर नंबर नहीं ढूंढ रहे हैं... इन लोगों ने ढूंढा और खाते से उड़ गए पांच लाख

आजकल लोग अपनी सारी समस्‍याओं का समाधान इंटरनेट पर ही ढूंढ लेना चाहते हैं। लेकिन गूगल की आदत बैंक उपभोक्‍ताओं पर भारी पड़ रही है। ऊधमसिंह नगर जिले में आज ही तीन ऐसी मामले सामने आए हैं जो डराने वाले हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 02:40 PM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 02:40 PM (IST)
कहीं आप भी तो इंटरनेट पर बैंक का कस्‍टमर केयर नंबर नहीं ढूंढ रहे हैं... इन लोगों ने ढूंढा और खाते से उड़ गए पांच लाख
कहीं आप भी तो इंटरनेट पर बैंक का कस्‍टमर केयर नंबर नहीं ढूंढ रहे हैं...

रुद्रपुर, जागरण संवाददाता : आजकल लोग अपनी सारी समस्‍याओं का समाधान इंटरनेट पर ही ढूंढ लेना चाहते हैं। लेकिन गूगल की आदत बैंक उपभोक्‍ताओं पर भारी पड़ रही है। ऊधमसिंह नगर जिले में आज ही तीन ऐसी मामले सामने आए हैं जो डराने वाले हैं। जिले में आज अलग-अलग बैंकों के तीन उपभोक्‍ताओं ने समस्‍याओं के समाधान के लिए बैंक का कस्‍टमर केयर नंबर गूगल किया। बिना यह चेक कि नेट पर जो नंबर मिला वह बैंक का ही है या नहीं...उस पर कॉल कर दिया। कॉल रिसीव करने वालों जैसा निर्देश दिया उन्‍होंने फॉलो किया। कुछ ही देर में तीनों लोगों के खातों से लाखों उड़ गए। फिर एहसास हुआ कि नंबर कस्‍टमर केयर नहीं बल्कि साइबर फ्रॉड करने वालों का था। अब तीनों पुलिस के चक्‍कर लगा रहे हैं। पहले एक-एक कर तीनों मामले देख लीजिए... उसके बाद बताते हैं कि कैसे नए तरीके से साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया जा रहा है। 

पहला मामला 

पहला मामला ऊधमसिंहनगर जिले के किच्छा का है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किच्छा निवासी पुष्कर सिंह का पंजाब नेशनल बैंक में खाता है। वह 10 फरवरी की शाम साढ़े छह बजे बैंक में पासबुक अपडेट करने पहुंचे । अपडेट कराने के दौरान वह पासबुक मशीन में ही फंस गयी। उसने इसकी सूचना बैंक में दी तो उन्होंने टोल फ्री नम्बर पर सूचना देने को कहा। गूगल कर जब उसने टॉल फ्री नंबर पर इसकी सूचना दी तो उन्होंने उसका खाता नंबर समेत अन्‍य जानकारी ली। इसी दौरान उसके नंबर पर रुपए ट्रांजिक्‍शन होने का मैसेज आने लगा। कुछ ही देर में उसके खाते से करीब साढ़े तीन लाख की रकम साफ हो गई। बैंक से जानकारी लेने पर पता किया तो पैसा शांतिपुरी पंजाब नेशनल बैंक के खाते में ट्रांसफर हो गया। उसने जब इसकी सूचना बैंक प्रबंधन को दी तो उन्होंने बिना एफआईआर के किसी सहयोग से मना कर दिया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

दूसरा मामला 

दसूरा मामला ऊधमसिंहनगर जिले के काशीपुर का है। आइटीआइ थाना क्षेत्र के ग्राम कुआंखेड़ा ओमविहार कॉलोनी निवासी मदन मोहन ने कोतवाली पुलिस को बताया कि उसका बाजपुर रोड स्थित आईसीआईसीआई बैंक में खाता है। बुधवार शाम नेट से सर्च कर उसने कस्टमर केयर का नंबर लिया, जिस पर कॉल करने पर एक व्यक्ति ने उसे एक एप डाउनलोड करने को कहा। एप डाउनलोड किया तो साइबर ठग ने उसे एप में मोबाइल नंबर डालने को कहा। मदन मोहन ने जैसे ही एप में नंबर डाला तो उसके खाते से पहले एक लाख रुपये और बाद में 10 हजार रुपये कट गए। कोतवाली पुलिस ने मामला आईटीआई थाना क्षेत्र का होने के कारण उसे वहां भेज दिया है।

तीसरा मामला 

तीसरा मामला जिले के ही रुद्रपुर का है। बत्रा कालोनी निवासी राजरोसी गुर्जर ने बताया कि वह बिलासपुर स्थित एक कंपनी में नौकरी करते हैं। उनका रुद्रपुर स्थित एक्सिस बैंक में बचत खाता है। उन्‍होंने गूगल कर चार फरवरी को कस्‍टमर केयर नंबर पर कॉल किया। 29 जनवरी को बुक कराई गई रेलवे टिकट के संबंध में बात कर रहा था। इसी बीच फोन कट गया। इसके बाद उनके मोबाइल पर वापस कॉल आई। कॉलर ने अपना नाम राजेंद्र मेहता बताया। उन्होंने कॉलर को बताया कि उन्होंने टिकटों के रुपये कट गए हैं, लेकिन टिकट बुक नहीं हुआ। यह सुनकर कॉलर राजेंद्र मेहता ने बताया कि रिफंड का सिस्टम बदल गया है। जैसा जैसा वह करने को कहे वह करते जाए। राजरोसी का आरोप है कि कॉलर पर विश्वास कर उसने सारी प्रक्रिया अपनाई। जिसके बाद उसके खाते से 20 हजार कट गए। जब कॉलर को कॉल किया तो नंबर बंद मिला। राजरोसी की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित राजेंद्र मेहता के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

कैसे फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं साइबर अपराधी 

साइबर फ्रॉड लगातार अपने अपराध का तरी‍का बदल रहे हैं। पहले जहां वे फोन कर एटीएम कार्ड बंद होने की बात कहते हुए उपभोक्‍ताओं से पूरी बैंक डिटेल ले लेते थे वहीं अब इंटरनेट पर अपना कांटेक्‍ट नंबर बतौर कस्‍टमर केयर डालकर खातों से रुपए उड़ा रहे हैं। मसलन कोई उपभोक्‍ता यदि किसी को एप से या ऑनलाइन पेमेंट कर रहा है और तकनीकी दिक्‍कत के कारण उसका पेमेंट फंस गया तो वह फौरन संबंधिकत बैंक के कस्‍टमर केयर नंबर पर फोन करने के लिए नंबर गूगल में सर्च करना है। गूगल में साइबर अपराधियों ने भी अपना नंबर कस्‍टमर केयर के रूप में दर्ज कर रखा है। कस्‍टमर के कॉल करते ही वे उसे अपने झांसे में लेकर खाते से रुपए उड़ा लेते हैं। 

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