खटीमा के सुरई रेंज में खेत की रखवाली करने गए मजदूर को मगरमच्छ ने बनाया निवाला

सत्रहमील चौकी प्रभारी जगत सिंह शाही ने बताया कि रघुलिया गांव निवासी 35वर्षीय सुखदेव सिंह पुत्र वचन सिंह दिहाड़ी मजदूर का काम करता है। तीन दिन पहले वह सुरई रेंज के खकरा नाले के पास खेत में धान की फसल की रखवाली के काम को गया था।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 08:06 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 08:06 PM (IST)
खटीमा के सुरई रेंज में खेत की रखवाली करने गए मजदूर को मगरमच्छ ने बनाया निवाला
पुलिस ने अवशेष बचे सिर का पोस्टमार्टम को भेजा है। रिपोर्ट आने के बाद मुआवजा देने की बात कही है।

जागरण संवाददाता, खटीमा : खेतों की रखवाली करने गए दिहाड़ी मजदूर को मगरमच्छ ने अपना निवाला बना लिया। इस घटना की जानकारी तब हुई जब एक खेत मालिक बंदरों से भगाने खेत पहुंचा था, उसने देखा मगरमच्छ शव के अन्य अवशेष अंगों को खा रहा था। सुरई रेंज में हुई इस घटना से वन विभाग समेत ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है। सूचना मिलते ही वन विभाग के अफसर व ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने अवशेष बचे सिर का पोस्टमार्टम को भेजा है। रिपोर्ट आने के बाद वन विभाग ने मुआवजा देने की बात कही है। 

सत्रहमील चौकी प्रभारी जगत सिंह शाही ने बताया कि रघुलिया गांव निवासी 35वर्षीय सुखदेव सिंह पुत्र वचन सिंह दिहाड़ी मजदूर का काम करता है। तीन दिन पहले वह सुरई रेंज के खकरा नाले के पास खेत में धान की फसल की रखवाली के काम को गया था। 

जहां नाले किनारे घात लगाए बैठे मगरमच्छ ने उस पर हमला कर उसे अपना निवाला बना लिया। परिजनों ने सोचा की वह काम पर ही होगा। और मजदूरी कराने वाले खेत मालिक ने सोचा घर चला गया। जिसके चलते इसकी खोजबीन नहीं हो सकी। क्योंकि युवक पहले भी घर से कई-कई दिनों तक काम करने चला जाता था।

मंगलवार को गांव के सुखविंदर सिंह अपने खेतों से बंदर भगाने गए थे, तो उसने देखा कि खेत में मृत सुखदेव के शरीर को मगरमच्छ खा रहा है। इसकी सूचना उसने ग्रामीणों व पुलिस को दी। इस पर सत्रहमील पुलिस चौकी प्रभारी शाही, सुरई रेंज के रेंजर सुधीर कुमार, सुखदेव मुनि, सतीश रेखाड़ी व ग्राम प्रधान गुरमेज सिंह मौके पर पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने मृतक के आधे हिस्से को अपने कब्जे में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। ग्रामीणों के मुताबिक युवक वृद्घ माता के साथ रहता है।  मजदूरी कर आजीविका चलाता था। घटना के बाद से स्वजन बेहाल हैं।

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