सेला-नागलिंग रोड पर सीपीडब्लूडी ने तैयार कराया छह किमी पैदल मार्ग

माइग्रेशन पर वापस लौट रहे लोगों के साथ ही सीमा क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों के जवानों को मलबे को पार कर आवागमन करना पड़ रहा है। दारमा घाटी के 14 गांवों के लोग माइग्रेशन को लेकर परेशान हैं। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने पैदल मार्ग तैयार कर दिया है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 10 Nov 2021 06:55 PM (IST) Updated:Wed, 10 Nov 2021 06:55 PM (IST)
सेला-नागलिंग रोड पर सीपीडब्लूडी ने तैयार कराया छह किमी पैदल मार्ग
मार्ग तैयार हो जाने से स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही सीमा क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों को भी राहत मिली।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : पिछले 25 दिनों से बंद पड़ी सेला-नागलिंग सड़क पर स्थानीय युवाओं की मदद से सीपीडब्लूडी ने छह किलोमीटर पैदल मार्ग तैयार कर लिया है। मार्ग तैयार हो जाने से स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही सीमा क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों को भी राहत मिली है। 

बीती 16 से 18 अक्टूबर तक हुई भारी बारिश से सेला से नागलिंग के बीच सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। पूरी सड़क मलबे से ढक चुकी है। माइग्रेशन पर वापस लौट रहे लोगों के साथ ही सीमा क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों के जवानों को मलबे को पार कर आवागमन करना पड़ रहा है। दारमा घाटी के 14 गांवों के लोग माइग्रेशन को लेकर परेशान हैं। सड़क क्षतिग्रस्त होने के चलते केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने फिलहाल सड़क पर ही पैदल मार्ग तैयार कर दिया है। विभाग ने इसके लिए नागलिंग के ग्रामीणों की मदद ली है। पैदल मार्ग तैयार हो जाने से लोगों को आवागमन में खासी राहत मिली है। क्षेत्रवासियों ने अविलंब सड़क को ठीक कराए जाने की मांग की है। जिलाधिकारी सीपीडब्लूडी को सड़क खोलने के लिए निर्देशित कर चुके हैं।

सड़क को लेकर मड़कनाली में 122 वें दिन भी जारी 

पिथौरागढ़ : मड़कनाली से सुरखाल पाठक तक सड़क निर्माण की मांग को लेकर चल रहा ग्रामीणों का अनशन 122 वें दिन भी जारी रहा। उपेक्षा से आहत ग्रामीणों ने आमरण अनशन की चेतावनी दी है। 

बुधवार को दीवान सिंह बिष्ट और नारायण सिंह बिष्ट क्रमिक अनशन में बैठे। उनके समर्थन में संघर्ष समिति के अध्यक्ष ललित सिंह बिष्ट, केदार सिंह, केशर सिंह, राजेंद्र सिंह, पुष्कर सिंह भंडारी, गोपाल सिंह, आन सिंह, गोपाल सिंह भंडारी, राजेंद्र सिंह भंडारी, नारायण सिंह, गोपाल सिंह, ठाकुर सिंह बिष्ट, होशियार सिंह, नारायण सिंह धरने पर बैठे। धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण 122 दिनों से आंदोलन कर रहे है, शासन-प्रशासन संवेदनहीन हो चुका है। अब तक सड़क निर्माण के लिए कोई पहल नहीं हुई है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे आमरण अनशन शुरू  कर देंगे।

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