बाल रोग विशेषज्ञ ने कहा, कोविड संक्रमित मां अपने बच्चे करा सकती है स्तनपान
कोविड संक्रमित महिलाएं भी नवजात शिशु को स्तनपान करा सकती हैं। इससे बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। बच्चे पर संक्रमण का खतरा नहीं रहता है। यह सलाह है राजकीय मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर व एसटीएच की बाल रोग विशेषज्ञ डा. ऋतु रखोलिया का।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कोविड संक्रमित महिलाएं भी नवजात शिशु को स्तनपान करा सकती हैं। इससे बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। बच्चे पर संक्रमण का खतरा नहीं रहता है। यह सलाह है राजकीय मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर व एसटीएच की बाल रोग विशेषज्ञ डा. ऋतु रखोलिया का। वह रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में मौजूद थीं। उन्होंने फोन के जरिये लोगों को परामर्श दिया।
डा. रखोलिया कहती हैं, अगर मां कोरोना संक्रमित है तो मुंह पर मास्क लगाकर व हाथों को सैनिटाइज कर बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं। इसमें संक्रमण का खतरा कम रहता है। इसके अलावा मां ने वैक्सीन लगाई है या फिर सर्दी-जुकाम आदि समस्या है तो भी स्तनपान करा सकती हैं। कई महिलाएं संक्रमण के दौरान दूध पिलाना बंद कर देती हैं। ऐसा करना गलत है। डा. रखोलिया ने कहा कि बाजार से कितना भी महंगा दूध खरीद लें, लेकिन मां के दूध के बराबर पौष्टिक तत्व कहीं भी नहीं मिलते।
हर तरीके से फायदेमंद मां का दूध
- पोषक तत्वों से भरपूर है
- दिमागी विकास होता है
- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
- बीमारियां भी कम होती हैं
- इमोशन बांडिंग भी बनी रहती है
- बच्चे का वजन नहीं बढ़ता है
स्तन कैंसर का खतरा हो जाता है कम
डा. रखोलिया का कहना है कि जो मां बच्चे को नियमित स्तनपान कराती हैं, ऐसे में स्तन कैंसर का खतरा कम हो जाता है। इसलिए बच्चों को दूध पिलाने में कंजूसी न बरती जाए।
बच्चे को छह महीने बाद ये खिलाएं
डा. रखोलिया बताती हैं, जब बच्चा छह महीने का हो जाता है तो उसे घर पर बना भोजन पेस्ट के रूप में देना चाहिए। इसमें दाल, चावल, सब्जी सभी शामिल है। छह से नौ महीने तक आधा-आधा कटोरी तीन बार देना चाहिए। अगर बच्चे को ऊपर से दूध पिलाना हो तो बोतल के बजाय कटोरा व चम्मच का इस्तेमाल करें।
कुमाऊं भर से आए फोन
चम्पावत, लोहाघाट, टनकपुर, खटीमा, बाजपुर, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, बेरीनाग, हल्द्वानी, नैनीताल व रामनगर से तमाम लोगों ने परामर्श लिया।