कोरोना ने मां छीनी और अवसरवादी एंबुलेंस चालक ने ठगे सात हजार रुपये
भवाली के रहने वाले एक व्यक्ति की मां को कोरोना होने के बाद डा. सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कोरोना से मां को खोने वाले बेटे से एंबुलेंस चालक ने सात हजार रुपये ठग लिए। बेटे ने मेयर से मामले की शिकायत की।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : अपनों को खोने का दर्द कोई अपना ही समझ सकता है। दूसरों को इससे कोई असर नहीं पड़ता। विशेषकर ऐसे लोगों को तो कतई नहीं, जिन्होंने किसी की मजबूरी को अवसर बना लिया है। ऐसे लोगों ने इंसानियत भी भुला दी है। गुरुवार को ऐसा ही मामला सामने आया। कोरोना से मां को खोने वाले बेटे से एंबुलेंस चालक ने सात हजार रुपये ठग लिए। खुद से ठगी का अहसास होने पर बेटे ने मेयर से मामले की शिकायत की।
भवाली के रहने वाले एक व्यक्ति की मां को कोरोना होने के बाद डा. सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार रात एसटीएच में उनकी मौत हो गई। शव को मोर्चरी में रखवा दिया गया। गुरुवार को मृतका के बेटे ने एक एंबुलेंस चालक से बात की। आरोप है कि एंबुलेंस चालक ने शव को श्मशान ले जाने, लकड़ी का इंतजाम, पीपीई किट व दाह संस्कार के लिए 15 हजार रुपये लेने की बात कही। दाम अधिक होने की बात कहने पर एंबुलेंस चालक नौ हजार रुपये में राजी हुआ। गौला रोखड़ स्थित अस्थायी शवदाह स्थल पहुंचने के बाद पता चला कि लकड़ी निश्शुल्क है। एसटीएच में मौत होने पर मोर्चरी से शवदाह स्थल तक जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था प्रशासन की ओर से है।
एंबुलेंस चालक दो हजार रुपये चिता लगाने वाले युवकों को देकर मौके से गायब हो गया। युवक ने शवदाह स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे मेयर डा. जोगेंद्र रावत से इसकी शिकायत की। मेयर ने एसएसपी से शिकायत करते हुए ठगी करने वालों पर कार्रवाई करने को कहा है। मेयर ने कहा कि दूसरों की मजबूरी का फायदा उठाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इधर, अस्थायी घाट पर गुरुवार को 18 कोविड संक्रमितों का अंतिम संस्कार किया गया।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें