आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी हो सकता है कोरोना? जानिए क्या कहते हैं चिकित्सक
श्वांस का मरीज हूं कोरोना से कैसे बच सकता हूं...? इस तरह के तमाम सवालों के जवाब में डा. गौरव सिंघल परामर्श देते हैं कोरोना से बचाव के लिए सभी का एक ही तरीका है। शारीरिक दूरी मास्क हैंड सैनिटाइजेशन व वैक्सीनेशन।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : श्वांस का मरीज हूं, कोरोना से कैसे बच सकता हूं...? इस तरह के तमाम सवालों के जवाब में डा. गौरव सिंघल परामर्श देते हैं, कोरोना से बचाव के लिए सभी का एक ही तरीका है। शारीरिक दूरी, मास्क, हैंड सैनिटाइजेशन व वैक्सीनेशन। अभी तक कोई ऐसी रिसर्च नहीं हुई है, जिसमें यह बताया गया हो कि कोरोना से श्वांस के रोगियों की ही अधिक मृत्यु हुई हो। डा. सिंघल नीलकंठ अस्पताल के निदेशक व वरिष्ठ श्वांस व छाती रोग विशेषज्ञ हैं। रविवार को उन्होंने दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर में कुमाऊं भर लोगों को कोरोना से बचाव के बारे में परामर्श दिया।
सवाल - क्या कम उम्र के लोगों को भी कोरोना हो रहा है?
डाक्टर - बिल्कुल हो रहा है। कोरोना का नया स्ट्रेन पहले की अपेक्षा अधिक घातक है। एक बार एंडीबॉडी बनने के बाद भी व्यक्ति संक्रमित हो रहा है। यही कारण है कि इस समय कम उम्र के लोग भी अधिक संक्रमित हो रहे हैं।
सवाल- कई बार आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है। क्या फिर भी कोरोना हो सकता है?
डाक्टर- बिल्कुल हो सकता है। अगर आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव है। शरीर में बुखार नहीं है। केवल थकान व अन्य लक्षण हो तो अपने डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। सीटी स्कैन की रिपोर्ट से फेफड़ों के संक्रमण का पता चलता है। इसी आधार पर इलाज शुरू किया जाता है।
सवाल- कोविड होने पर लक्षण कितने दिन में दिखने लगते हैं?
डाक्टर - कोरोना का पहला स्ट्रेन आया था, तो सातवें व आठवें दिन में लक्षण दिखते थे। पर अब कम समय में भी लक्षण उभर जाते हैं। कई बार बुखार नहीं आता है, लेकिन शरीर में कमजोरी महसूस होने लगती है। इसलिए अतिरिक्त सावधानी बरतें।
सवाल - कोरोना संक्रमण में व्यक्ति को कब आइसोलेट होना चाहिए?
डाक्टर- जैसे ही व्यक्ति को कोरेाना से संबंधित लक्षण आने लगे। तुरंत आइसोलेट हो जाना चाहिए। शुरूआत में तेजी से संक्रमण दूसरों में फैलता है। साथ ही उपचार शुरू करा देना चाहिए। इससे खुद सुरक्षित रहेंगे और अपने स्वजनों व अन्य लोगों को भी सुरक्षित रखने में मदद करेंगे।
ये हैं मुख्य लक्षण
- बुखार आना
- गले में खराश होना
- पेट दर्द
- दस्त लगना
- सांस में दिक्कत
इन्होंने लिया फोन से परामर्श
हल्द्वानी मुखानी से गोवर्धन फुलारा, लामाचौड़ से सीएस राणा, सरोज, कठघरिया से पार्वती खेतवाल, इंदिरा नगर से शकील सलमानी, आरडी सती, तिकोनिया से एस सिंह, छड़ायल सुयाल से मोहन चंद्र पांडे, मंजू दुर्गापाल, शीशमहल से प्रो. गोस्वामी, बेतालघाट से माया दत्त बेलवाल, पिथौरागढ़ से संजय, अल्मोड़ा से सीमा बिष्ट, दिनेश पांडे, राकेश मठपाल, बागेश्वर से आशीष लाल साह, काशीपुर से गगन कुमार आदि ने परामर्श लिया।
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