जंगल में जल संरक्षण व भूमि कटाव को रोकने की शानदार पहल, फतेहपुर रेंज में बनाये 4000 कंटूर ट्रंच

जंगल में जल संरक्षण और भूमि कटाव को रोकने के लिए फतेहपुर रेंज की टीम ने बेहतर काम किया है। चार हजार करीब कंटूर ट्रंच बनाने के साथ-साथ 400 जल कुंड भी बनाए गए हैं। मार्च के बाद फ़ॉरेस्ट फायर सीजन शुरू हो जाता है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 12:23 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 12:23 PM (IST)
जंगल में जल संरक्षण व भूमि कटाव को रोकने की शानदार पहल, फतेहपुर रेंज में बनाये 4000 कंटूर ट्रंच
फतेहपुर रेंज में ऐसे 4000 कंटूर ट्रंच बनाए गए हैं।

हल्द्वानी, जेएनएन : जंगल में जल संरक्षण और भूमि कटाव को रोकने के लिए फतेहपुर रेंज की टीम ने बेहतर काम किया है। चार हजार करीब कंटूर ट्रंच बनाने के साथ-साथ 400 जल कुंड भी बनाए गए हैं। मार्च के बाद फ़ॉरेस्ट फायर सीजन शुरू हो जाता है। ऐसे में जल संरक्षण की दिशा में किये कामों की बदौलत हरियाली पर मंडराने वाले खतरे को भी कम किया जा सकता है। डिप्टी रेंजर किशोर गोस्वामी ने बताया कि जल संरक्षण और भूमि संरक्षण का काम पूरा हो चुका हैं। बड़े वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिए वाटर हाल पहले से बने थे।

कंटूर ट्रंच

फतेहपुर रेंज एरिया में मैदानी और पहाड़ी भू-भाग दोनों पड़ते हैं। वन विभाग के मुताबिक ढलान वाले हिस्से में एक मीटर लंबा और आधा फीट चौड़ा और एक फिट गहरा गड्ढा खोदा गया है। जिसे कंटूर ट्रंच कहते हैं। बरसात व झरनों आदि का पानी तेजी से नीचे बहने की बजाय इनसे होकर गुजरेगा तो अटकेगा भी। जिससे भूमि कटाव रूकने के साथ जल संरक्षण भी हो सकेगा।

जल कुंड

रेंज में 400 करीब जल कुंड बनाये गए हैं। दो मीटर लंबा और डेढ़ मीटर चौड़ा व गहरा गड्ढा बनाने के बाद इनमें पानी को रोका जाएगा। जिससे वन्यजीवों को भी राहत मिलेगी।

दोबारा नहीं दिखा मखना हाथी

पिछले दिनों इस रेंज में हाथी गणना के दौरान दिखाई दिए बेहद आक्रामक मखना प्रजाति के हाथी को वन विभाग द्वारा लगातार खोजा गया था। मगर वो दोबारा नजर नहीं आया। हालांकि, इन दिनों रेंज से लगी आबादी गुलदार के आतंक से परेशान हैं। आठ लोगों पर गुलदार हमला कर चुका है।

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