तल्लीताल से लगी ढुगशिल की पहाड़ी भूस्खलन की चपेट में, कभी भी हो सकता है खतरनाक

तल्लीताल क्षेत्र से लगी ढुगशिल की पहाड़ी भयंकर भूस्खलन की चपेट में है। इस पहाड़ी से हर साल बड़ी तादात में पत्थर मिट्टी आदि बहकर भीमताल झील से निकलने वाले नाले से बह कर मैदानी क्षेत्र में पहुंच जा रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 11:11 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 11:11 AM (IST)
तल्लीताल से लगी ढुगशिल की पहाड़ी भूस्खलन की चपेट में, कभी भी हो सकता है खतरनाक
तल्लीताल से लगी ढुगशिल की पहाड़ी भूस्खलन की चपेट में, कभी भी हो सकता है खतरनाक

भीमताल, जागरण संवादददाता : तल्लीताल क्षेत्र से लगी ढुगशिल की पहाड़ी भयंकर भूस्खलन की चपेट में है। इस पहाड़ी से हर साल बड़ी तादात में पत्थर मिट्टी आदि बहकर भीमताल झील से निकलने वाले नाले से बह कर मैदानी क्षेत्र में पहुंच जा रहा है। भूस्खलन के चलते पहाड़ी के नीचे बसे खैरोला गांव पर खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय निवासियों के मुताबिक भूस्खलन के कारण पहाड़ी से एक बड़ा हिस्सा प्रभावित हो गया है। बरसात में खतरे की आंशका और बढ़ जाएगी । 

स्‍थानी लोगों का कहना है कि जहां धीरे-धीरे करके पहाड़ी दरक रही है वहीं पहाड़ी का बड़ा हिस्‍सा गिरने की आशंका है। भूस्खलन के चलते तल्लीताल क्षेत्र को भी खतरा है। स्थानीय लोंगों की माने तो जिस स्थान से पहाड़ी खिसक रही है, वह भीमताल झील के लिए एक दिवार की तरह सपोर्ट करती है। इस पहाड़ी के ठीक पीछे भीमताल झील है। बरसात के दिनों में जब झील का स्तर अधिकतम होता है तब भूस्खलन वाले क्षेत्र से पानी की धाराएं भी बहती हुई दिखाई देती हैं। 

हालांकि पहाड़ी में भूस्खलन अभी प्रारंभिक अवस्था में है यदि समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया तो नैनीताल में बलियानाले की तरह यह रूप ले सकता है। क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य अनिल चनौतिया ने विधायक राम सिंह कैड़ा से गुहार लगाई है कि झील के डैम का निरीक्षण करने आने वाली जल विज्ञान संस्थान से इस पहाड़ी का भी निरीक्षण कराया जाए। ताकि पहाड़ी के दरकने का कारण और उसके रोकथाम का प्रयास किया जा सके।

जिला पंचायत सदस्य अनिल चनौतिया का कहना है कि जिस पहाड़ी से भूस्खलन हो रहा है उसके नीचे खैराला गांव, सलड़ी आदि आता है। जब जल विज्ञान संस्थान की टीम डैम के दरारों का पता करने आए तो हमारी मांग है कि इस पहाड़ी के दरकने का कारण भी खोजा जाएं ताकि इसके रोकथाम के प्रयास इसके खतरनाक होने से पूर्व कर दिए जाएं। विधायक राम सिंह कैड़ा ने कहा कि पहाड़ी के बारे में लोंगों के द्वारा अवगत कराया गया था। लगातार भूस्खलन होने से इसका बड़ा हिस्सा प्रभावित है। इसके अध्ययन और रिपोर्ट के बाद इसके भूस्खलन रोकने के प्रयास के लिए प्रयत्न किए जाएंगे।

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