बागेश्वर का पहला आक्सीजन प्लांट का निर्माण शुरू, ऑक्सीजन के लिए नहीं पड़ेगा भटकना

बुधवार को ट्रामा सेंटर में निर्मित 25 बेड की क्षमता वाले कोविड केयर सेंटर के लिए आक्सीजन जनरेशन प्लांट का निरीक्षण किया। 250 एलपीएम आक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। आक्सीजन जनरेशन प्लांट जमुना किशन गिरी गोस्वामी ने उपलब्ध कराया है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 11:50 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 11:50 PM (IST)
बागेश्वर का पहला आक्सीजन प्लांट का निर्माण शुरू, ऑक्सीजन के लिए नहीं पड़ेगा भटकना
17 जून को प्लांट का ट्रायल किया जाएगा। यह प्लांट 24 घंटे चलेगा।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिले में पहला आक्सीजन प्लांट निर्माण कार्य शुरू हो गया है। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने प्लांट स्थापित करने आए इंजीनियरों से वार्ता की और तकनीकी पहलूओं को समझा। कार्यदायी संस्था को गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के निर्देश दिए।

जिलाध्कारी ने बुधवार को ट्रामा सेंटर में निर्मित 25 बेड की क्षमता वाले कोविड केयर सेंटर के लिए आक्सीजन जनरेशन प्लांट का निरीक्षण किया। 250 एलपीएम आक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। कहा कि प्लांट लगने से विभिन्न प्रकार के आक्सीजन सिलेंडरों पर निर्भरता कम होगी। इंजीनियरों ने बताया कि प्लांट वातावरण से आयु को खींचकर शुद्ध आक्सीजन बनाएगा और मरीजों को उपलब्ध कराएगा। 17 जून को प्लांट का ट्रायल किया जाएगा। यह प्लांट 24 घंटे चलेगा। आक्सीजन जनरेशन प्लांट जमुना किशन गिरी गोस्वामी ने उपलब्ध कराया है। इसके अतिरिक्त व्यवसायी गोपाल गोस्वामी ने 91 फ्लोमीटर प्रदान किए हैं। इस दौरान सीएमओ डा. बीडी जोशी, रेखा गोस्वामी, संतोष गोस्वामी, अशोक लोहनी, रमेश चंद्र, सीएमएस लक्ष्मण सिंह बृजवाल आदि मौजूद थे।

पहाड़ पर स्वास्थ्य व्यवस्था के ठीक न होने के बीच इस महामारी के दौरान यह सुखद खबर है। आने वाले समय में जिला ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होगा। इमरजेंसी, सांस की बीमारी या किसी अन्य कारण से ऑक्सीजन लेवल कम होने पर जान बच सकेगी। लोगो ने शासन के इस निर्णय की सराहना की है।उनका कहना है कि गंभीर रोगियों को ऑक्सीजन न मिलने से अक्सर रेफर कर दिया जाता था। या फिर कोरोना काल जैसी हालात में जान सांसत में रहती थी। इसी महामारी में कईयों ने अपनों को ऑक्सीजन की कमी से खो दिया है। उनका कहना है यह हालत आने वाले समय में न हो। इसके लिए आॅक्सीजन प्लांट की कवायद जरूरी थी। इससे भविष्य में ऐसे संकट से निपटा जा सकेगा।

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