Policemen in Drug Smuggling : चम्पावत में तैनात कांस्टेबल प्रदीप फत्र्याल है नशे के गिरोह का मास्टर माइंड

Policemen in Drug Smuggling चम्पावत में भांग बहुतायत में पैदा होने के कारण उसका प्रयोग स्थानीय स्तर पर चरस बनाने के लिए किया जाता है। वहां पर चरस काफी कम दाम में मिल जाती है लेकिन नशे के लिए उसका प्रयोग करने वाले इसकी अच्छी कीमत देते हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 06:20 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 06:20 AM (IST)
Policemen in Drug Smuggling : चम्पावत में तैनात कांस्टेबल प्रदीप फत्र्याल है नशे के गिरोह का मास्टर माइंड
एसएसपी दलीप कुंवर ने बताया कि प्रदीप ने ही चरस शनिवार सुबह ही उपलब्ध करवाई थी।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : Policemen in Drug Smuggling : एकबार खाकी फिर दागदार हो गई। पुलिस कर्मी ही पहाड़ से चरस तस्करी का पूरा रैकेट चला रहे हैं। चम्पावत जनपद चरस की तस्करी का गढ़ बनता जा रहा है। वहां तस्करी की कमान चम्पावत पुलिस के कांस्टेबल प्रदीप फत्र्याल के संभालने की बात सामने आई है। उसका नाम पहले भी चरस की तस्करी में सामने आ चुका है।

चम्पावत में भांग बहुतायत में पैदा होने के कारण उसका प्रयोग स्थानीय स्तर पर चरस बनाने के लिए किया जाता है। वहां पर चरस काफी कम दाम में मिल जाती है, लेकिन नशे के लिए उसका प्रयोग करने वाले इसकी अच्छी कीमत देते हैं। चरस को खपाने के लिए ऊधमङ्क्षसह नगर बड़ा बाजार बनता जा रहा है। यहां इसकी काफी मांग भी है। इसी कारण पुलिस कर्मी प्रभात बिष्ट व दीपक पांडे के साथी विपुल शैला व पीयूष खड़ायत ने ऊधमङ्क्षसह नगर में चरस को खपाने की योजना तैयार की थी। इसके लिए कांस्टेबल दीपक पांडे व प्रभात बिष्ट ने प्रदीप फत्र्याल से संपर्क किया।

एसएसपी दलीप कुंवर ने बताया कि प्रदीप ने ही चरस शनिवार सुबह ही उपलब्ध करवाई थी। जिसे लेकर वह ऊधमङ्क्षसह नगर में डिलीवरी देने के लिए ले आए थे लेकिन डिलीवरी देने से पहले ही चारों लोग किच्छा पुलिस के हत्थे चढ़ गए। कांस्टेबल दीपक पांडे के अवकाश पर होने की पुष्टि हुई है जबकि प्रभात बिष्ट को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हुई है। इधर प्रदीप फत्र्याल का नाम पहले भी चम्पावत में दो किग्रा चरस तस्करी में सामने आ चुका है। यहां पकड़े गए दोनों कांस्टेबल ने बरामद चरस को प्रदीप से लाने की बात पूछताछ में बताई है। पुलिस अब प्रदीप की संलिप्तता की जांच में जुट गई है। एसएसपी ने इस मामले में एसपी चंपावत से भी बात की है।

पुलिस कर रही थी सुबह से घेराबंदी

पुलिस टीम को चरस की डिलीवरी की सूचना मिल गई थी। जिसके चलते पुलिस टीम शनिवार सुबह से ही पूरे क्षेत्र में फीङ्क्षल्डग सजा चुकी थी। जैसे ही शनिवार दोपहर तस्कर वहां पहुंचे पुलिस ने दोनों वाहनों की घेराबंदी कर उनमें सवार चारों लोगों को दबोच लिया।

पुलिस के चारा डालने की चर्चाएं

पूरे मामले में पुलिस की डीङ्क्षलग तस्करों से होने की चर्चाएं भी चल रही हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस ने ही चारा डाल कर तस्करों को वहां डिलीवरी के लिए बुलाया। जब वह वहां पहुंचे तो पुलिस ने रंगे हाथ उनको चरस के साथ दबोच लिया। हालांकि एसएसपी ने इस तरह की चर्चाओं को आधारहीन बताया है। यह भी चर्चा है कि उन्हें दिल्ली का ग्राहक बनकर पकड़ा गया है।

सीडीआर खोलेगा राज

चरस तस्करी में पकड़ गए पुलिस कर्मियों के साथ ही बाकी दो लोगों के पास से मिले मोबाइल की सीडीआर खंगाली जाएगी। सीडीआर से चरस की तस्करी का सच सामने आने में समय नहीं लगेगा। पुलिस ने चारों के नंबर लेकर उनकी कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। पुलिस ने बरामद मोबाइल का डाटा भी खंगालना शुरु कर दिया है। सीडीआर के माध्यम से प्रदीप ङ्क्षसह की संलिप्तता का भी राजफाश होगा।

रिमांड पर लेगी पुलिस

पुलिस कर्मियों के पकड़े जाने की हवा उडऩे के बाद पुलिस को आनन-फानन मामले का खुलासा करना पड़ गया। जिससे आरोपितों से सहीं तरीके से पूछताछ भी नहीं हो पाई है। एसएसपी ने रविवार को चारों को न्यायालय में पेश करने के बाद उन्हें रिमांड पर लेने की संभावनाएं व्यक्त की है। पुलिस पूरे मामले की तह तक जाने में जुटी है। चंूकि मामला खाकी के दागदार होने का है, जिसके चलते पुलिस कोई भी कमी नहीं छोडऩा चाहती।

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