कांस्टेबल मोहन लाल ने बारिश में आठ किमी दूर पहुंचाई दवा और फल, ठीक होने तक फोन से बढ़ाते रहे हौसला

परदेश में एक फरिश्ता ऐसा भी पुलिस में है जो लालपुर निवासी युवक के लिए संजीवनी ले कर आया। जिससे वह संक्रमण से जल्द बाहर आ सके और उसी मनोबल की बदौलत युवक संक्रमण से सकुशल बाहर आ आज अपनी डयूटी कर रहा है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 31 May 2021 10:46 PM (IST) Updated:Mon, 31 May 2021 10:46 PM (IST)
कांस्टेबल मोहन लाल ने बारिश में आठ किमी दूर पहुंचाई दवा और फल, ठीक होने तक फोन से बढ़ाते रहे हौसला
कांस्टेबल मोहन सिंह ने उसकी लगातार फोन कर हिम्मत बढ़ाने का काम किया।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : कोरोना संक्रमित से जहां रिश्तेदार भी दूरी बना रहे है और वो भी परदेश में एक फरिश्ता ऐसा भी पुलिस में है जो लालपुर निवासी युवक के लिए संजीवनी ले कर आया। न केवल संक्रमण काल में दवाई पहुंचाई उसके स्वास्थ्य की देख रेख भी कर फल पहुंचाए। जिससे वह संक्रमण से जल्द बाहर आ सके, और उसी मनोबल की बदौलत लालपुर का युवक संक्रमण से सकुशल बाहर आ आज अपनी डयूटी कर रहा है।

रुद्रपुर तहसील के रामेश्वपुर रोड सांई कॉलोनी लालपुर निवासी रुकुम सिंह पुत्र लाल सिंह उत्तरकाशी के धरासू थाना क्षेत्र की चौकी ब्रहमखाल में रह कर वहां चल रहे आॅल वैदर रोड में मजदूरी का काम करता है। पिछले डेढ़ साल से वह वहीं पर रहा है। इसके दो बच्चे लालपुर में स्थित घर पर ही रहते है। कोविड संक्रमण की दूसरी लहर में उसकी जब तबीयत खराब हुई तो वह भी संक्रमण की चपेट से बच नहीं सका।

बुखार आने पर गांव में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब उसकी जांच की तो वह संक्रमित पाया गया। टीम ने उसको कोरोना की किट तो दे दी, लेकिन वह डायबटिज का भी रोगी था। कोरोना के इलाज के दौरान इसकी डायबटिज की दवा समाप्त हो गई और उसको बेचैनी होने लगी। परदेस में उसकी मदद के लिए कोई नहीं था तो उसने यह जानकारी अपने घर पर दी तो स्वजनों ने पूर्व ग्राम प्रधान गोल्डी मुंजाल से संपर्क किया। जिस पर मुंजाल ने लगभग दस दिन पूर्व अपने परिचित पूर्व में ऊधम सिंह नगर में तैनात रहे निरीक्षक रविंद्र यादव से संपर्क किया जो आजकल जनपद टिहरी में तैनात है। वह उत्तरकाशी के धरासू में पोस्टेड रह चुके है।

उन्होंने वहां तैनात पुलिस कांस्टेबल मोहन लाल मर्तवानी का नंबर मुंजाल को देने के साथ खुद भी फोन कर दिया। जब पूर्व प्रधान मुंजाल ने मोहन लाल से संपर्क किया तो भारी बारिश की भी परवाह न करते हुए बारिश के बीच ही रात में मेडिकल स्टोर खुलवा कर रुकुम सिंह तक शुगर की दवा पहुंचाने का काम किया। जिससे उसकी शुगर कम होने से उसके स्वास्थ्य में लगातार सुधार आने लगा। दवा देने के बाद भी मोहन लाल ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए लगातार उस तक न केवल फल पहुंचाने का काम किया साथ ही उसके मकान मालिक को उसके लिए दाल बना कर देने के लिए प्रेरित किया। सोमवार को रुकुम सिंह की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद लालपुर में स्वजनों ने भी राहत की सांस ली।

आठ किमी. दूर था चौकी से गांव

कोरोना संक्रमित होने के बाद दुर्गम क्षेत्र कल्याणी गांव की दूरी पुलिस चौकी से आठ किमी और मुख्यालय से लगभग 40 किमी थी। घबराया हुआ रुकुम सिंह की बात स्वजनों से हुई तो वह उसको ले जाने की बात कर मोबाइल पर ही रोने लगा। लेकिन मोहन सिंह ने जिस जिम्मेदारी से अपना फर्ज निभाया वह वास्तव में रुकुम सिंह के स्वजनों के लिए फरिशता ही बन कर आया। रुकुम सिंह की पत्नी उर्मिला ने भी मदद पर आभार व्यक्त किया।

लगातार फोन कर बढ़ाता रहा हौसला

अकेला होने के कारण रुकुम सिंह हिम्मत तोड़ चुका था, लेकिन कांस्टेबल मोहन सिंह ने उसकी लगातार फोन कर हिम्मत बढ़ाने का काम किया। इतना ही नहीं वह खुद कई बार रुकुम सिंह का हौंसला बढ़ाने के लिए कल्याणी गांव गया और उससे बात कर उसका मनोबल बढ़ाता रहा। जिस दिन मोहन सिंह रुकुम सिंह के पास नहीं जा पाजा था वह उसको फोन कर उसके स्वास्थ्य की जानकारी लेता था।

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