कांग्रेस का आरोप, स्व. डॉ. इंदिरा ने स्वीकृत कराई सहायता राशि, भाजपा के दबाव में बांट रहे अफसर

स्व. डॉ. इंदिरा हृदयेश की तरफ से स्वीकृत करवाए सहायता राशि के चेकों को भाजपा के दबाव में बंटवाने का आरोप लगाते कांग्रेसी मुखर हो गए। बड़ी संख्या में तहसील में जुटे कार्यकर्ताओं ने कहा कि तहसीलदार समेत अन्य अफसर भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 02:46 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 02:46 PM (IST)
कांग्रेस का आरोप, स्व. डॉ. इंदिरा ने स्वीकृत कराई सहायता राशि, भाजपा के दबाव में बांट रहे अफसर
कांग्रेस का आरोप, स्व. डॉ. इंदिरा ने स्वीकृत कराई सहायता राशि, भाजपा के दबाव में बांट रहे अफसर

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्व. डॉ. इंदिरा हृदयेश की तरफ से स्वीकृत करवाए गए सहायता राशि के चेकों को भाजपा नेताओं के दबाव में आकर बंटवाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेसी मुखर हो गए। बड़ी संख्या में तहसील में जुटे कार्यकर्ताओं ने कहा कि तहसीलदार समेत अन्य अफसर भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं। लेकिन इस तानाशाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी भी की। सिटी मजिस्ट्रेट के सामने ही तहसीलदार और प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस प्रचार कमेटी के अध्यक्ष सुमित हृदयेश व जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे कि आर्थिक सहायता के चेकों को कांग्रेस की तरफ से बांटा जाए। लेकिन भाजपा नेताओं के दबाव में आकर लोगों से झूठ बोलना तहसील प्रसाशन को शोभा नहीं देता। जनसभा के दौरान वक्ताओं ने कहा कि पहले फोन पर बात करने पर उनसे कहा गया था कि मुख्यमंत्री ऑफिस के कहने पर चेक बांटे गए। लेकिन वार्ता करने पर सीएम ऑफिस ने इसे सिरे से नकार दिया। प्रदर्शन में पार्षद रवि जोशी, राजेन्द्र जीना, राधा आर्य के अलावा दिग्विजय चौहान, प्रदीप नेगी, अर्जुन बिष्ट, नीरज रैकवाल, दीपा खत्री, लाल सिंह, मोना शर्मा, सौरभ भट्ट, आदि मौजूद थे।

कर्मचारी से बंटवा देते

सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह से वार्ता के दौरान आक्रोशित लोगों ने कहा कि तहसील के किसी कर्मचारी से अगर चेक दिलवाये जाते तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती। मगर प्रसाशन ने सियासी दबाव में गलत काम किया। हालांकि सिटी मजिस्ट्रेट के समझाने और मामले की जांच की बात कहने पर मामला शांत हो गया।

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