कोरोना संक्रमित पति की मौत के बाद जहर खाने वाली मां और बेटियों की हालत में सुधार

काठगोदाम निवासी महिला और उसकी तीन बेटियों की हालत में अब सुधार आया है। संभावना है कि शाम तक उन्हें जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 03:43 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 03:43 PM (IST)
कोरोना संक्रमित पति की मौत के बाद जहर खाने वाली मां और बेटियों की हालत में सुधार
कोरोना संक्रमित पति की मौत के बाद जहर खाने वाली मां और बेटियों की हालत में सुधार

हल्द्वानी, जेएनएन : काठगोदाम निवासी महिला और उसकी तीन बेटियों की हालत में अब सुधार आया है। संभावना है कि शाम तक उन्हें जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा।काठगोदाम के ब्यूराखाम निवासी एक महिला ने पति की मौत के बाद सदमे में आकर तीन बेटियों संग खुद भी जहरीला पदार्थ गटक लिया। गंभीर हालत में चारों को बेस अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। ललित की मौत की वजह बीमारी थी लेकिन उसके परिवार को मुफलिसी ने सुसाइड करने पर मजबूर कर दिया। छह साल पहले वह बड़े भाई संग रेलवे में ठेकेदारी करता था। रामनगर से लेकर हल्द्वानी, काठगोदाम में वाशिंग का टेंडर था। मगर अब गाड़ी से घर-घर सब्जी बेचने को मजबूर हो गया। पति की मौत के बाद से पत्नी बार-बार यही कह रही थी कि अब उसके बच्चों को कौन पालेगा।

ब्यूराखाम निवासी ललित को हार्ट की दिक्कत थी। जिसके बाद रविवार को उसे एसटीएच में भर्ती करवाया गया। मौत से ठीक पहले ललित को कोविड जांच पॉजिटिव आयी थी। इधर, पति की मौत के बाद सदमे में मंगलवार सुबह सरिता ने तीन बेटियों संग खुद भी जहरीला पदार्थ गटक लिया था। बच्चों को पालने की चिंता में महिला ने यह आत्मघाती कदम उठा लिया था। जिसके बाद से चारों का बेस में उपचार चल रहा है। वहीं, बेस के पीएमएस डॉक्टर हरीश लाल ने बताया कि अभी सभी का उपचार एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) में चल रहा है। उनकी हालत में भी काफी सुधार आया है। स्थिति और ठीक होते ही सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

मृतक ललित के बड़े भाई राजेंद्र कन्नौजिया ने बताया कि 2014 में उनका रेलवे से काम छूटा था। सभी भाई इस काम से जुड़े थे। बड़ा काम छूटने की वजह से पूरा परिवार पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया। जिसके बाद ललित ने पुरानी कार खरीदी और रेलवे कॉलोनी में घर-घर सब्जी बेचने लगा। लॉकडाउन के दौरान भी वह काम पर जुटा रहता था। रेलवे कर्मचारियों के मुताबिक वह बेहद मिलनसार स्वभाव का था। वहीं, राजेंद्र ने आरोप लगाया कि मंगलवार को चार घंटे से ज्यादा समय तक उन्हें भाई का शव लेने के लिए मोर्चरी में इंतजार करना पड़ा था।

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