नैनी झील में कंप्यूटराइज्‍ड निकासी गेट बनेंगे, ब्रिटिशकालीन गेटों की भी होगी मरम्‍मत

नैनी झील के ब्रिटिशकालीन पुराने निकासी गेटों की मरम्मत के साथ ही नए कंप्यूटरीकृत स्वचालित गेटों के लिए डीएम सविन बंसल की पहल रंग लाई है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 12:53 PM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 12:53 PM (IST)
नैनी झील में कंप्यूटराइज्‍ड निकासी गेट बनेंगे, ब्रिटिशकालीन गेटों की भी होगी मरम्‍मत
नैनी झील में कंप्यूटराइज्‍ड निकासी गेट बनेंगे, ब्रिटिशकालीन गेटों की भी होगी मरम्‍मत

नैनीताल, जेएनएन : नैनी झील के ब्रिटिशकालीन पुराने निकासी गेटों की मरम्मत के साथ ही नए कंप्यूटराइज्‍ड गेटों के लिए डीएम सविन बंसल की पहल रंग लाई है। नए गेटों के निर्माण व पुराने की मरम्मत के लिए शासन ने 78.05 लाख की धनराशि जारी कर दी है। कार्य का जिम्मा सिंचाई विभाग की यांत्रिकी शाखा रुड़की को सौंपा गया है। नए गेटों का निर्माण कार्य झील का जलस्तर सामान्य होने पर होगा।

दरअसल ब्रिटिशकाल में तल्लीताल पोस्ट ऑफिस के समीप विश्व प्रसिद्ध नैनी झील के डांठ का निर्माण किया गया था। झील भरने पर पानी की निकासी मैकेनिकल व्हील के माध्यम से कार्मिकों द्वारा गेटों को उठाकर या गिराकर की जाती थी। अत्यधिक पुराने होने की वजह से गेट के रेगुलेशन में दिक्कत आ रही थी। जुलाई प्रथम सप्ताह में सिंचाई विभाग के साथ झील के जलस्तर नियंत्रण व डिस्चार्ज से संबंधित प्रक्रिया की समीक्षा के लिए डीएम सविन बंसल ने बैठक की। जिसके बाद झील किनारे नए गेटों के निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया। अब शासन ने इसके लिए 78 लाख जारी कर दिए हैं। टेंडर प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। स्वचालित गेट बनने के बाद झील के जलस्तर व डिस्चार्ज संबंधित आंकड़े प्रदर्शित किए जाएंगे।

नालों की निगरानी को सीसीटीवी कैमरे लगेंगे

डीएम सविन बंसल ने बताया कि झील में गिरने वाले नालों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए डीएम ने अपने विवेकाधीन कोष से 15 लाख की धनराशि जारी कर दी है। नालों में कूड़ा कचरा व भवन निर्माण सामग्री का मलबा फेंकने से झील प्रदूषित होने के साथ ही पानी का प्रवाह प्रभावित होता है। अपशिष्टïों को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरों से निगरानी जरूरी है। नाला नंबर एक, 20 व 21 तथा 23 में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जिसकी ऑनलाइन मॉनीटरिंग के लिए कलेक्ट्रेट स्थित आपातकालीन परिचालन केंद्र तथा सिंचाई विभाग के नियंत्रण कक्ष में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे।

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