अधिकारी-कर्मचारी के बीच संवादहीनता होगी दूर, थाने में खाने पर जाएंगे एसपी-सीओ

अधिकारी व कर्मचारी के बीच संवादहीनता से परिस्थितियां विषम हो जाती हैं। ऐसे में पुलिस विभाग के बड़े अधिकारी अब थानों व चौकियों में जाकर साथ खाना खाएंगे। जिससे अधिकारी व कर्मचारी आपस में एक दूसरे के प्रति बेहतर समन्वय बना सकें।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 10:12 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 10:12 AM (IST)
अधिकारी-कर्मचारी के बीच संवादहीनता होगी दूर, थाने में खाने पर जाएंगे एसपी-सीओ
अधिकारी-कर्मचारी के बीच संवादहीनता होगी दूर, थाने में खाने पर जाएंगे एसपी-सीओ

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : अधिकारी व कर्मचारी के बीच संवादहीनता से परिस्थितियां विषम हो जाती हैं। ऐसे में पुलिस विभाग के बड़े अधिकारी अब थानों व चौकियों में जाकर साथ खाना खाएंगे। जिससे अधिकारी व कर्मचारी आपस में एक दूसरे के प्रति बेहतर समन्वय बना सकें।

पुलिस विभाग के थानेदार व चौकीदार भले ही पुराने हों, लेकिन आला अधिकारियों की टीम लगभग नई है। ऐसे में आपसी समन्वय बेहतर करने का यह तरीका एसएसपी ने सोचा है। जिससे जिले के पुलिसिंग को सबसे बेहतर बनाया जा सके।

इसके लिए पुलिस विभाग के सीओ, एसपी आदि अधिकारी अपने क्षेत्र के थाने व चौकी में बताकर जाएंगे और सभी कर्मचारियों के साथ बैठकर खाना खाएंगे। एसएसपी का मानना है कि इससे कर्मचारी व अधिकारी के आपसी संबंध बेहतर होने के साथ ही आम जनता को भी लाभ होगा। लोगों की विभिन्न समस्याओं के प्रति बड़े अधिकारी ज्यादा अच्छे तरीके से रिस्पांस करेंगे।

थाने व चौकी में होती है पुलिसिंग

जनता की समस्याओं का समाधान प्राथमिक स्तर पर थाने व चौकियों के भरोसे होता है। ऐसे पुलिसिंग का कार्य थाने व चौकियों के स्तर पर बेहतर करना है। जिसके लिए अधिकारियों की उपस्थिति संबंधित थाने में पुलिस का तनाव कम करने में मददगार होगा। आबादी के अनुसार पुलिस कर्मचारियों की कम संख्या के चलते कई बार विषम स्थितियां पैदा होती हैं। जिसके समाधान के लिए कार्य किया जाना है। एसएसपी के पीआरओ प्रमोद पाठक ने बताया कि ऐसे में अधिकारी अब थाना व चौकियों में नियमित रूप से जाना शुरू करेंगे।

अभी तक वार्षिक व अद्र्ध वार्षिक निरीक्षण

थाने व चौकियों में अभी तक एसपी का वार्षिक और अद्र्धवार्षिक निरीक्षण किया जा रहा था। हल्द्वानी में एक ही परिसर में कोतवाली, एसएसपी, एसपी, सीओ आदि का कार्यालय होने के चलते वार्षिक निरीक्षण आदि औपचारिकता को पूरा करना पड़ रहा था।

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