चीन-नेपाल सीमा से सटे साढ़े दस हजार फीट की ऊंचाई गुंजी में शिवोत्सव का रंगारंग आगाज

उच्च हिमालयी व्यास घाटी के गुंजी में पहली बार तीन दिवसीय शिवोत्सव का रंगारंग आयोजन प्रारंभ हो चुका है। पहले दिन रं संस्कृति के साथ प्रदेश के सबसे बड़े नगाडृुे का निनाद और पिथौरागढ़ के छलिया नृत्य ने सभी का मन मोहा।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 08:31 PM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 08:31 PM (IST)
चीन-नेपाल सीमा से सटे साढ़े दस हजार फीट की ऊंचाई गुंजी में शिवोत्सव का रंगारंग आगाज
रं समाज का छोलिया नृत्य और नैनी सैनी के छोलिया नृतकों का नृत्य आकर्षक रहा।

संवाद सूत्र, गुंजी (पिथौरागढ़) : चीन और नेपाल सीमा पर स्थित साढ़े दस हजार फीट की ऊं चाई पर बसे उच्च हिमालयी व्यास घाटी के गुंजी में पहली बार तीन दिवसीय शिवोत्सव का रंगारंग आयोजन प्रारंभ हो चुका है। पहले दिन रं संस्कृति के साथ प्रदेश के सबसे बड़े  नगाडृुे का निनाद और पिथौरागढ़ के छलिया नृत्य ने सभी का मन मोहा। पारंपरिक ढंग से देवडांगरों की पूजा अर्चना के साथ ही शिवोत्सव प्रथम का शुभारंभ हुआ।

उच्च हिमालय में निवास करने वाले रं समाज की परंपरा के तहत मुख्य अतिथि विधायक हरीश धामी , विशिष्ट अतिथि सेना के कर्नल जतिन गुलेरी तथा अन्य अतिथियों को प्रशासन की तरफ से रं कल्याण संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा पगड़ी(ब्यठोलो) पहनाया गया और महिला अतिथियों को शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया। इसके बाद दीप प्रज्वलित कर शिवोत्सव का शुभारंभ किया गया। मुख्य अतिथि विधायक धारचूला हरीश धामी ने अपने संबोधन में कहा कि यहां की संस्कृति एक विशिष्ट संस्कृति है जो सभी को अपनी तरफ आकर्षित करती है।

उन्होंने देश के सीमा छोर में स्थित गुंंजी में शिवोत्सव और अमृत महोत्सव का आयोजन किए जाने के लिए जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान का आभार जताया और कहा कि अगले वर्ष से इसे अधिक भव्य रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के दौरान सीमा पर सेवा दे रहे वीर सैनिकों को सम्मानित किया जा रहा है। इसी प्रकार चीन सीमा पर रहने वाले ग्रामीण भी सीमा प्रहरी के तौर पर कार्य कर रहे हैं।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल, कर्नल जतिन गुलेरी, संयुक्त मजिस्ट्रेट नंदन कुमार, आइएफएस अभिमन्यु, ग्राम प्रधान गुंजी सुरेश गुंज्याल, भाजपा मंडल अध्यक्ष कृष्णा गब्र्याल, पूर्व चेयरमैन अशोक नबियाल, सरपंच गुंजी लक्ष्मी गुंज्याल, देवडांगर पान सिंह गुंज्याल, रमेश कुटियाल, दीवान नपलच्याल, रूप सिंह नबियाल, महेंद्र परिहार सहित  क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, संस्कृति एवं रंग कर्मी सहित व्यास घाटी के सात गांवों के ग्रामीण व अन्य लोग उपस्थित रहे।

आकर्षक झांकी ने सभी का मन मोहा

सर्द मौसम, चारों और हिमाच्छादित चोटियों से घिरे काली और कुटी नदी के संगम स्थल पर स्थित गुंजी के मनीला मैदान में जब रं संस्कृति की झांकी निकली और रं महिला,  पुरुषों की पारंपरिक वेश भूषा में पारंपरिक नृत्य, ऊपर से कनार गांव के ढोल , नगाड़े, नैनी सैनी के छलिया नृत्च की झांकी निकली तो दर्शक मोहित हो गए। साढ़े दस हजार फीट की ऊंचाई पर पहली बार इस तरह की झांकी का स्थानीय जनता ने जमकर सराहना की।

26 किमी की बाइकिंग रैली ने किया रोमांचित 

शिवोत्सव के पहले दिन ग्यारह सदस्यीय बाइकर्स दल ने 26 किमी तक बेटी बचाओ, बेटी पढाओ तथा पर्यावरण संदेश देने के लिए बाइक रैली निकाली। मोटर बाइकिंग रैली को मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि ने हरी झंउी दिखा कर रवाना किया। चंद्रमोहन पांडेय के नेतृत्व में 11 सदस्यीय स्थानीय बाइकर्स ने 26 किमी दूर नावीढांग , ओम पर्वत तक रैली का आयोजन किया। पहले दिन गुंजी और कुटी के टीमों के बीच वालीबॉल मैच का आयोजन किया गया।

रं संस्कृति और छोलिया नृत्य रहा आकर्षण का केंद्र 

शिवोत्सव में रं संस्कृति पर आधारित रं समाज का छोलिया नृत्य और नैनी सैनी के छोलिया नृतकों का नृत्य आकर्षक रहा। दोनों प्रस्तुतियों की मौजूद दर्शकों ने जमकर सराहना की ।

आज के कार्यक्रम 

शनिवार को प्रसिद्ध लोकगायक बीके सामंत, गोविंद दिगारी, प्रकाश रावत, जितेंद्र तोमक्याल, नारायण सोराडी  सहित स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति । शिव स्तुति आकर्षण का केंद्र रहेंगे।

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