Uttarakhand Weather News Update : नैनीताल व पंतनगर के तापमान में गिरावट से बढऩे लगी ठंड, यहां बारिश के आसार
Uttarakhand Weather News Update पर्यटकों की पसंदीदा जगह में शामिल झीलों की नगरी नैनीताल के तापमान में एक बार फिर ठंडक घुलने लगी है। गुरुवार को नैनीताल का न्यूनतम तापमान चार डिग्री की गिरावट के साथ 7.0 डिग्री पहुंच गया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Uttarakhand Weather News Update : पर्यटकों की पसंदीदा जगह में शामिल झीलों की नगरी नैनीताल के तापमान में एक बार फिर ठंडक घुलने लगी है। गुरुवार को नैनीताल का न्यूनतम तापमान चार डिग्री की गिरावट के साथ 7.0 डिग्री पहुंच गया। पिछले एक सप्ताह में नैनीताल का तापमान दहाई के अंक से ऊपर बना हुआ था। पंतनगर के न्यूनतम पारे में भी मामूली गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को यहां का तापमान 10.7 डिग्री रिकार्ड किया गया। तापमान में गिरावट की वजह उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हुए हालिया हिमपात को बताया जा रहा है। उत्तर पूर्वी दिशा से आ रही ठंडी हवाएं मौसम में ठंडक घोल रही हैं। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि शुक्रवार को बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिले की ऊंचाई वाली कुछ जगहों पर बूंदाबांदी या हल्का हिमपात हो सकता है। अन्य जगहों पर मौसम शुष्क बना रहेगा।
दो दिनों में ऐसी बदली पारे की चाल
स्टेशन 24 नवंबर 25 नवंबर
नैनीताल 11.0 डिग्री 7.0 डिग्री
अल्मोड़ा 8.1 डिग्री 7.6 डिग्री
मुक्तेश्वर 5.3 डिग्री 6.1 डिग्री
लोहाघाट 3.0 डिग्री 3.9 डिग्री
चम्पावत 3.5 डिग्री 4.3 डिग्री
पिथौरागढ़ 6.1 डिग्री 8.9 डिग्री
गंगोलीहाट 7.3 डिग्री 7.6 डिग्री
बागेश्वर 9.5 डिग्री 10.1 डिग्री
हल्द्वानी 14.8 डिग्री 14.8 डिग्री
पंतनगर 11.0 डिग्री 10.7 डिग्री
चार माह बाद नारायण आश्रम पहुंचे वाहन
पिथौरागढ़ जिले के आध्यात्मिक स्थल नारायण आश्रम को जोडऩे वाली सड़क में चार माह बाद गुरुवार को वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है। क्षेत्र में फंसी तमाम टैक्सियां लंबे समय बाद तहसील मुख्यालय पहुंची। आवागमन शुरू हो जाने से बड़ी आबादी को राहत मिली है। मानसून काल में छिरकिला और खेत के पास सड़क टूट जाने से नारायण आश्रम का सड़क सम्पर्क भंग हो गया था। तहसील मुख्यालय से नारायण आश्रम को संचालित होने वाली तमाम टैक्सियां और निजी वाहन क्षेत्र में फंस गए थे। सड़क सम्पर्क भंग होने से देश भर से आने वाले पर्यटक आध्यात्मिक स्थल नारायण आश्रम तक नहीं पहुंच पा रहे थे। क्षेत्र की हजारों की आबादी परेशान थी।