हरेला पर पौधे कान में लगाकर घूमने के बजाय हर कोई रोपे पौधा : सीएम

सीएम ने कहा कि lछुट्टी का सदुपयोग हरियाली बढ़ाने में करें जिससे कि पेयजल उपलब्ध होता रहे। उन्होंने हर व्यक्ति से नदियों के पुनर्जीवन पर काम करने की अपील भी की। चेताया कि कोसी नदी के जलस्रोतों में 40 सूख गए हैं और अब केवल आठ रह गए हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 08:32 AM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 09:40 PM (IST)
हरेला पर पौधे कान में लगाकर घूमने के बजाय हर कोई रोपे पौधा : सीएम
भविष्य में ऐसा न हो कि पानी ही न दिखे। इसके लिए हमें जाग जाना होगा।

हल्द्वानी, गणेश जोशी। तेजी से बढ़ते भूजल स्तर पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि तराई-भाबर में बढ़ती यह स्थिति भविष्य के लिए गंभीर है। इसके लिए उन्होंने जहां हर किसी से पौधारोपण की अपील की, वहीं फिर से जमरानी बांध बनाए जाने को लेकर भी आस जगाई।

 तराई-भाबर में गौला नदी के अलावा नलकूप पेयजल स्रोत के बढ़े माध्यम हैं, लेकिन लगातार भूजल स्तर गिरने से नलकूप सूखने लगे हैं। ऐसे में पेयजल संकट की स्थिति पैदा होने लगी है। सीएम ने इस गंभीर समस्या को लेकर कहा कि हरेला पर्व पर केवल कान में पौधा लगाकर घूमने के बजाय अनिवार्य रूप से पौधारोपण करें। छुट्टी का सदुपयोग हरियाली बढ़ाने में करें, जिससे कि पेयजल उपलब्ध होता रहे। उन्होंने हर व्यक्ति से नदियों के पुनर्जीवन पर काम करने की अपील भी की। सीएम ने चेताया कि कोसी नदी के जलस्रोतों में 40 सूख गए हैं और अब केवल आठ रह गए हैं। भविष्य में ऐसा न हो कि पानी ही न दिखे। इसके लिए हमें जाग जाना होगा।

सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक हो या फिर उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में पत्रकार वार्ता। 20 वर्षों से अधिक समय से तराई-भाबर का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा रहा है जमरानी बांध। इसे लेकर सीएम ने कहा कि पांच-छह महीने में जमरानी बांध का काम शुरू हो जाएगा। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) को ही फंडिंग करनी है। जब यह बन जाएगा तो भूजल स्तर पर भी बढ़ जाएगा।

उधर, समीक्षा बैठक में जमरानी बांध परियोजना के जीएम प्रशांत विश्नोई ने बताया कि परियोजना को तीन चरणों में बांटा गया है। पहले चरण की स्वीकृतियां मिल चुकी हैं। एक्ट के हिसाब से विस्थापन के लिए 350 एकड़ जमीन की जरूरत है। सितारगंज में 284 एकड़ जमीन उपलब्ध है। बनबसा में भी जमीन उपलब्ध है। वहीं सीएम ने विकास कार्यों के जरिये मिशन 2022 को लेकर भी माहौल बनाने की कोशिश की।

आपदा के समय तस्वीर को खिला रहे थे लड्डू

पत्रकारों के सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि आपदा को लेकर विपक्ष को कुछ बोलने की जरूरत नहीं है। जब आपदा आई थी, तब विपक्ष के नेता दिल्ली में तस्वीर को लड्डू खिला रहे थे। उनके नेता विदेश में थे।

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