Cloudburst In Uttarakhand: धारचूला के जुम्मा गांव में बादल फटा, तीन सगी बहनों समेत पांच की मौत
Cloudburst In Uttarakhand धारचूला तहसील से 12 किमी दूर कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग से लगे जुम्मा गांव का संपर्क शेष जगत से कट गया है। सर्वाधिक तबाही इसी गांव में मची है। रेस्क्यू अभियान में अब तक तीन बच्चों समेत चार शव बरामद कर लिए गए हैं।
पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता: Cloudburst In Uttarakhand : सीमांत में चार दिनों से हो रही बारिश के बाद रविवार मध्यरात्रि जुम्मा गांव में बादल फट गया। पानी के साथ आए मलबे और बोल्डरों ने गांव के सिरोउड्यार और जामुनी तोक में तीन मकान ध्वस्त कर दिए। इन घरों में रह रहे पांच लोगों की मौत हो गई। आपदा के बाद से दो लोग लापता हैं और चार घायल हैं।
ग्रामीणों ने ही सुबह दस बजे तक मलबे में दबी तीन सगी बहनों के शव निकाल लिए थे। इसके बाद नजदीकी 11वीं वाहिनी एसएसबी की एलागाड़ सीमा चौकी के जवान पैदल घटनास्थल पर पहुंचे। दोपहर बाद से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व दल खोज एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। उन्होंने दो अन्य शव मलबे से निकालने के बाद टीम दो लापता लोगों की तलाश कर रही है। इस मानसून सीजन में आपदा की यह पहली बड़ी घटना है।
रविवार मध्य रात के बाद धारचूला के साथ-साथ काली नदी पार नेपाल के श्रीबगड़ में भी बादल फट गया। वहां भी पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं नजयांग नाले का मलबा काली नदी में गिरा तो नदी का प्रवाह भी थम गया और झील बन गई। इससे नेशनल हाइड्रो पावर कारपोरेशन (एनएचपीसी) की 280 मेगावाट क्षमता वाली धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना के प्रशासनिक भवन सहित अधिकारियों-कर्मचारियों के आवासों में दो मंजिले तक पानी भर गया। सभी ने तीसरी मंजिल पर जाकर जान बचाई। रात भर सभी खौफ के साये में रहे।
इधर, सुबह झील से रिसाव शुरू हुआ तो आगे धारचूला में काली नदी का जलस्तर अंतरराष्ट्रीय झूला पुल के पास तक पहुंच गया। इससे नदी किनारे बस्तियों को खतरा पैदा हो गया। प्रशासनिक और पुलिस टीम ने तड़के तीन बजे के आसपास वाहनों से धारचूला से जौलजीबी तक लोगों को लाउडस्पीकर से सुरक्षित स्थान पर आने की अपील की। भारी बारिश के कारण कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग धारचूला से एलागाड़ के मध्य कई स्थानों पर बह गया है। जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने बताया कि घटनास्थल तक पहुंचने वाले मार्ग बंद होने से हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू टीम व राहत सामग्री भेजी गई। पांच शवों की शिनाख्त हो चुकी है और दो लापता लोगों की तलाश जारी है।
बागेश्वर में अतिवृष्टि की भेंट चढ़े चार मकान, नैनीताल में भूस्खलन
भारी बारिश के चलते कपकोट क्षेत्र में चार मकान ध्वस्त होने से प्रभावितों ने पड़ोसियों के घरों में शरण ली है। नैनीताल में ठंडी सड़क क्षेत्र में पहाड़ी से भारी भूस्खलन हो गया। जिससे मिट्टी, पेड़, मलबे तथा विशालकाय बोल्डर सड़क पर आ गिरे तो आवागमन बाधित हो गया। लोनिवि ने मलबा हटाकर आवागमन सुचारू किया। वहीं चम्पावत जिले में टनकपुर-चम्पावत हाईवे पर आठवें दिन भी स्वाला के पास मलबा हटाया जा रहा है।
जुम्मा आपदा में मृतक
जोगा सिंह की तीन पुत्रियां 15 संजना, 11 वर्षीय रेनू 11 और नौ वर्षीय शिवानी के अलावा सुनीता पत्नी दीपक सिंह, पार्वती देवी पत्नी लाल सिंह।
आपदा में घायल
नर सिंह पुत्र लाल सिंह, जयमती देवी पत्नी सोबन सिंह, अंजलि पुत्री मान सिंह और दीपा पुत्री मान सिंह। इनमें से जयमती व नर सिंह को धारचूला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आपदा में लापता
चंद्र सिंह पुत्र विशन सिंह और हजारी देवी पत्नी चंदन सिंह
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