ब्लॉक मुख्यालय पर जबरन उठाए गए अनशनकारी, मनरेगा कर्मी की सेवा समाप्ति का मामला
प्रशासन के खिलाफ शनिवार को प्रधान संजय सिंह नेगी व रमेश सिंह बोरा भूख हड़ताल पर व अन्य ग्रामीण बेमियादी धरने पर डटे रहे। दिन में एक बजे आंदोलनकारियों ने अचानक ब्लॉक कार्यालय में तालाबंदी कर दी। अफरा तफरी के बीच अधिकारी कर्मचारी बाहर निकल आए।
जागरण संवाददाता, द्वाराहाट (अल्मोड़ा) : मनरेगा कर्मी प्रकरण पर ब्लॉक मुख्यालय में बखेड़ा हो गया। प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी के बीच आंदोलनकारियों ने दिन में अचानक ताला जड़ दिया। माहौल गरमाने पर एसडीएम व एसओ दलबल के साथ तो पूर्व विधायक मदन सिंह बिष्टï व ब्लॉक प्रमुख दीपक सिंह किरौला कार्यकर्ताओं के साथ पहुंच गए। हंगामे के बीच तीखी तकरार हुई। मैराथन वार्ता भी हुई जो बेनतीजा रही। शाम को पुलिस प्रशासन ने भूख हड़ताल पर डटे ग्राम प्रधानों को बलपूर्वक उठा लिया। दोनों को चिकित्सालय में भर्ती करा दिया गया। इधर दो अन्य ग्रामीण आमरण अनशन पर बैठ गए।
मनरेगा कर्मी नारायण सिंह रावत की सेवा समाप्ति का मसला थामे नहीं थम रहा। प्रशासन के खिलाफ शनिवार को प्रधान संजय सिंह नेगी व रमेश सिंह बोरा भूख हड़ताल पर व अन्य ग्रामीण बेमियादी धरने पर डटे रहे। दिन में एक बजे आंदोलनकारियों ने अचानक ब्लॉक कार्यालय में तालाबंदी कर दी। अफरा तफरी के बीच अधिकारी कर्मचारी बाहर निकल आए। शाम तक गहमागहमी का माहौल रहा। प्रधानों को उठाए जाने के बाद दीपक बिष्टï व नवल जोशी भूख हड़ताल पर बैठ गए।
प्रशासन पर निकाली भड़ास
चार घंटे की द्विपक्षीय वार्ता में एसडीएम शिप्रा ने पूरे प्रकरण की दोबारा जांच की बात कही। आंदोलनकारियों को कोर्ट जाने की सलाह भी दी। पूर्व विधायक व प्रमुख ने प्रशासन पर सत्तापक्ष के इशारे पर विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों के शोषण का आरोप लगा खरीखोटी सुनाई।
ये बैठे धरने पर
धरने पर सामाजिक कार्यकर्ता हीरा सिंह अधिकारी, देव सिंह रावत, जगत रौतेला, सुरेंद्र सिंह रावत, दिगंबर बिष्टï, निर्मल मठपाल, दीपक बिष्ट, शंकर कैड़ा, प्रकाश अधिकारी, भूपाल सिंह बिष्ट, मनोज रावत, कमला देवी, गंगा देवी, दीपा रावत, खिमुली देवी, कल्पना रावत, बीना देवी, भावना देवी आदि।