गौलापुल की मरम्मत के लिए एपीएस कंपनी दो अलग शिफ्ट में काम पर जुटी
गौला पुल को सुचारु करने के लिए 24 घंटे काम किया जा रहा है। मरम्मत में जुटी कंपनी के मुताबिक दीवाली यानी चार नवंबर तक पुल को लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। भविष्य में कोई दिक्कत न हो। इसके लिए 40-40 मीटर का सुरक्षा घेरा भी बनाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : गौला पुल को सुचारु करने के लिए 24 घंटे काम किया जा रहा है। मरम्मत में जुटी कंपनी के मुताबिक दीवाली यानी चार नवंबर तक पुल को लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। भविष्य में कोई दिक्कत न हो। इसके लिए 40-40 मीटर का सुरक्षा घेरा भी बनाया जाएगा। इसके अलावा नदी के पानी को चैनेलाइज भी किया जा रहा है। रविवार को बड़ी संख्या में मशीनों को गौला में उतारा गया था। वहीं, मरम्मत के डिजाइन को एनएचएआइ के माध्यम से आइआइटी रूड़की को भेजा रहा है।
पहाड़ में दो दिन की लगातार बारिश से गौला उफान पर पहुंच गई थी। 19 अक्टूबर की सुबह अचानक हुए भू-कटाव की वजह से इंदिरानगर बाइपास स्थित गौला पुल का संपर्क मार्ग नदी में समा गया। 2008 में जब पुल तरह टूटा था। तब लोनिवि ने वुडहिल कंपनी से 19.77 करोड़ रुपये में नए सिरे से काम करवाया। करीब पांच साल अलग-अलग चरणों में काम चला था। वहीं, अब सड़क एनएचएआइ के हैंडओवर होने की वजह से मरम्मत का काम भी उसी को करना है। इसके लिए एपीएस इंफ्रास्टक्चर प्रा.लि को जिम्मा सौंपा गया है। एपीएस के प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर लोकेश देशवाल ने बताया कि दिन और रात की शिफ्ट में अलग-अलग टीम मरम्मत में जुटी है। खाने व टेंट की व्यवस्था भी मौके पर की गई है।
आइआइटी टीम करेगी सर्वे
जल्द आइआइटी रुड़की के एक्सपर्ट गौला पुल का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाएंगे। जिसमें सड़क के ध्वस्त होने की वजह और भविष्य में बचाव के बिंदुओं को शामिल किया जाएगा। जमीन से संपर्क मार्ग को ऊपर तक लाने के बाद दोनों तरफ से तैयार सेफ्टी वाल के डिजाइन पर भी आइआइटी की मुहर लगनी जरूरी है। फिलहाल बीच से उपखनिज को निकाल नदी को चैनेलाइज करने का काम भी जारी है।