नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी चाइना पीक का थमेगा भूस्खलन, पिरूल व जूट के चेकडैम से हो रहा ट्रीटमेंट

चाइना पीक पर 2020 में तीन बार भूस्खलन हुआ था। इससे निचले इलाकों की हजारों की आबादी दहशत में आ गई थी। चोटी की संवेदनशीलता को देखते हुए जिला प्रशासन के अनुरोध पर विशेषज्ञ दल ने इसका सर्वे किया। अब दूसरी तरफ की पहाड़ी का ट्रीटमेंट शुरू हो चुका है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 07:59 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 05:31 PM (IST)
नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी चाइना पीक का थमेगा भूस्खलन, पिरूल व जूट के चेकडैम से हो रहा ट्रीटमेंट
पहाड़ी के ट्रीटमेंट से ये जल स्रोत भी रिचार्ज होंगे।

नैनीताल, किशोर जोशी। शहर की सबसे ऊंची व भूगर्भीय दृष्टिï से संवेदनशील चोटी चाइना पीक का ट्रीटमेंट शुरू हो गया है। वन विभाग ने पहाड़ी से कटाव रोकने व तलहटी के गांवों के पेयजल स्रोत रिचार्ज करने के लिए चालखाल, खंतियां व चेकडैम बनाने का काम शुरू कर दिया है। इससे तलहटी में बसे गांवों के पेयजल स्रोत भी रिचार्ज होंगे।

चाइना पीक पर 2020 में तीन बार भूस्खलन हुआ था। इससे निचले इलाकों की हजारों की आबादी दहशत में आ गई थी। चोटी की संवेदनशीलता को देखते हुए जिला प्रशासन के अनुरोध पर विशेषज्ञ दल ने इसका सर्वे किया। अब दूसरी तरफ की पहाड़ी का ट्रीटमेंट शुरू हो चुका है।

नैना रेंज की वन क्षेत्राधिकारी ममता चंद के अनुसार पहाड़ी से बारिश के पानी के तेज बहाव की वजह से तलहटी के गांव गैरीखेत, बुढ़लाकोट, च्यूरानी, अधौड़ा, पंगूठ, पाली में पानी के स्रोत भी प्रभावित हुए हैं। पहाड़ी के ट्रीटमेंट से ये जल स्रोत भी रिचार्ज होंगे।

रेंजर के अनुसार पहाड़ी के दूसरी तरफ 50 हजार, 30 हजार व 20 हजार लीटर क्षमता के 15 चालखाल बनाने के साथ ही चेकडैम बनाए जा रहे हैं। रिचार्ज पिट व खंतियां भी तैयार की जा रही हैं। किलबरी से जाख गांव तक वानस्पतिक चेकडैम बनाए जा रहे हैं। इनमें पिरूल व जूट का प्रयोग किया जा रहा है। इससे पहाड़ी में भूकटाव से आने वाले पत्थर व मिट्टी रुक जाएंगे। इससे भूस्खलन कम होगा।

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