घर में रखी थी चूहे मारने की दवा, मासूम ने मिट्टी समझकर निगला, नौ दिन इलाज के बाद मौत
मंगलवार को हल्द्वानी में बेहद आहत करने वाली घटना सामने आई है। चूहों के लिए घर में रखी दवा को मासूम ने मिट्टी समझकर निगल लिया। 10 दिनों तक चले इलाज के बाद मासूम की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : मंगलवार को हल्द्वानी में बेहद आहत करने वाली घटना सामने आई है। चूहों के लिए घर में रखी दवा को मासूम ने मिट्टी समझकर निगल लिया। 10 दिनों तक चले इलाज के बाद मासूम की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। पीडि़त स्वजन मूलरूप उत्त प्रदेश पीलीभीत के रहने वाले हैं।
पीलीभीत जिले गांव सेमरखेड़ा, थाना जहानाबाद का निवासी धर्मेंद्र मौर्या बीते कई सालों से जीतपुर नेगी में परिवार सहित किराये के मकान में रह रहा था। घर में चूहों की अधिकता से जहरीले कीटनाशक को आटे में मिलाकर गोलियां बनाई और कई जगहों पर बिखेर दिया था। बीते 21 मार्च को धर्मेंद्र के दो वर्षीय बेटे तन्मय ने खेलते हुए चूहे मारने की दवा निगल ली। कुछ देर बाद बच्चे की तबियत बिगड़ी तो स्वजन उसे लेकर सुशीला तिवारी अस्पताल गए। जहां मासूम को भर्ती कर दिया गया। बीते नौ दिनों से बच्चे का इलाज किया जा रहा था। इसी बीच सोमवार की देर रात मासूम ने दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजनों को सौंप दिया गया।
इकलौता बेटा था तन्मय
पीलीभीत निवासी धर्मेंद्र मौर्य का इकलौता बेटा तन्मय था। पिता धर्मेंद्र बीते कई सालों से राजमिस्त्री का कार्य करके जीवन यापन कर रहा था। घर में चूहों की समस्या बढऩे से परिवार परेशान था। मृतक के पिता ने बताया कि बच्चे को मिट्टी खाने की आदत थी, इस कारण दवा खाने के बाद किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। चूहा मारने की दवा इस तरह से रखी थी, कि बच्चे तक नहीं पहुंच सके। इसके बाद भी शायद जमीन पर गिरने के चलते बच्चे ने दवा निगल ली।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें