अल्मोड़ा मेडिकल कालेज भेजे गए 20 से अधिक डाक्टर, फिर भी नहीं मिला बच्‍चे को इलाज, हल्‍द्वानी रेफर किया

डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय से 20 से अधिक डाक्टरों को अल्मोड़ा मेडिकल कालेज भेजा गया है। इससे उम्मीद जताई जा रही थी कि अल्मोड़ा में मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा लेकिन दुर्भाग्य है फिर भी मरीजों को हल्द्वानी रेफर कर दिया जा रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 08:42 AM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 08:42 AM (IST)
अल्मोड़ा मेडिकल कालेज भेजे गए 20 से अधिक डाक्टर, फिर भी नहीं मिला बच्‍चे को इलाज, हल्‍द्वानी रेफर किया
अल्मोड़ा मेडिकल कालेज भेजे गए 20 से अधिक डाक्टर, फिर भी नहीं मिला बच्‍चे को इलाज, हल्‍द्वानी रेफर किया

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय से 20 से अधिक डाक्टरों को अल्मोड़ा मेडिकल कालेज भेजा गया है। इससे उम्मीद जताई जा रही थी कि अल्मोड़ा में मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा, लेकिन दुर्भाग्य है फिर भी मरीजों को हल्द्वानी रेफर कर दिया जा रहा है। अल्मोड़ा के पांच साल के मासूम को लेकर स्वजन रात भर अल्मोड़ा के अस्पतालों में भटकते रहे।

हवालबाग के थड़का गांव निवासी राजेंद्र सिंह बिष्ट के पांच वर्षीय बेटा रितिक को सांस संबंधी दिक्कत हुई थी। 22 नवंबर की रात को पांच किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पार कर सड़क मार्ग पर पहुंचे। वहां से वाहन बुक कराया और सात किलोमीटर दूर अल्मोड़ा जिला अस्पताल ले गए। राजेंद्र बिष्ट ने बताया कि वहां पर आधे घंटे बच्चे को रखा। भाप दिया और फिर बेस अस्पताल रेफर कर दिया। वहां पर कुछ देर रखा और कहा गया कि हमारी कोई गारंटी नहीं है।

इसके बाद मजबूर होकर 108 एंबुलेंस लेकर डा. सुशीला तिवारी अस्पताल के लिए चल दिए। गरमपानी में एंबुलेंस की दूसरे वाहन से टक्कर हो गई। बच्चे को एक घंटे गरमपानी अस्पताल में रखा। इसके बाद दूसरी एंबुलेंस से एसटीएच पहुंचे। एसटीएच के चिकित्सा अधीक्षक डा. विवेकानंद सत्यवली ने बताया कि बच्चा बाल रोग विभाग में भर्ती है। इलाज शुरू हो गया है।

अब मेडिकल कालेज के अधीन बेस

बेस अस्पताल अब मेडिकल कालेज के अधीन है। वहां पर हल्द्वानी से भेजे 20 से अधिक विशेषज्ञ डाक्टर तैनात हैं। इसमें बाल रोग विशेषज्ञ भी शामिल हैं। इसके बावजूद वहां पर इलाज की बेहतर सुविधा न मिली। यह स्थिति पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की यथास्थिति पर सवाल खड़े करती है।

आइसीयू हैंडओवर के लिए बैठक

डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में आइसीयू हैंडओवर होना है। मंगलवार को अस्पताल प्रबंधन व निर्माण एजेेंसी के साथ बैठक हुई। चिकित्सा अधीक्षक डा. विवेकानंद सत्यवली ने बताया कि आइसीयू को पूरा करने के लिए कुछ और चीजें हैं, जिसके लिए निर्माण एजेंसी को बता दिया गया है। जल्द ही हैंडओवर हो जाएगा। आइसीयू सेंटर के अंदर 14 बेड का ट्रामा आइसीयू है। हाईटेक आपरेशन थिएटर है।

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