कोरोनाकाल में शुरू किया स्वरोजगार, काम चल निकला तो अराजकों ने कुल्हाड़ी से काट डाला ठेला

बागेश्वर जिले के सिमी-नरगोल गांव में एक प्रवासी ने कोरोना काल में बेरोजगार होने पर स्वरोजगार शुरू किया। अराजक तत्वों ने कुल्हाड़ी से ठेले काेे काटकर गधेरे में फेंक दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 06:02 PM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 06:02 PM (IST)
कोरोनाकाल में शुरू किया स्वरोजगार, काम चल निकला तो अराजकों ने कुल्हाड़ी से काट डाला ठेला
कोरोनाकाल में शुरू किया स्वरोजगार, काम चल निकला तो अराजकों ने कुल्हाड़ी से काट डाला ठेला

बागेश्वर, जेएनएन : इस मुश्किल समय में जब लोग किसी तरह से अपना-जीवन यापन कर रहे हैं, एेसे में भी विघ्न डालने वाले अराजक तत्वों की कमी नहीं है। बागेश्वर जिले के सिमी-नरगोल गांव में एक प्रवासी ने कोरोना काल में बेरोजगार होने पर स्वरोजगार शुरू किया। उसने ठेले पर गांव में सामान बेचना शुरू किया। काम चल निकला था, लेकिन अराजक तत्वों को वह भी नहीं भाया। उन्होंने कुल्हाड़ी से ठेले काे काटकर गधेरे में फेंक दिया है। घटना के बाद से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। उन्होंने अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। क्षेत्रीय पटवारी ने घटना की जांच शुरू कर दी है।

सिमी-नरगोल गांव निवासी प्रेम राम का बेटा सुनील कुमार मार्च में लॉकडाउन होने के बाद घर आया। घर पर उसके पिता और भाई सोनू कुमार पहले से बेरोजगार थे। वे लीसा गढ़ान का काम करते थे। कोरोना के कारण उनका काम भी प्रभावित हो गया। सुनील ने गांव में ठेला लगाकर जरूरी सामान बेचना शुरू किया। उसका काम भी आगे बढ़ने लगा। लेकिन बीती शनिवार की रात अराजक तत्वों ने कुल्हाड़ी से उसका ठेला काट दिया और उसे गधेरे में फेंक दिया है।

उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के लिए उन्होंने लोगों से उधारी में पैसा लिया है। वह लुधियाना से घर लौटे हैं और वहां एक होटल में काम करते थे। परिवार गरीब है और दो वक्त की रोटी के लिए ठेला लगाया था। गांव के चंद्रशखेर पांडे ने कहा कि अराजक तत्व लंबे समय से तोड़फोड़ आदि करते आ रहे हैं। सड़क पर खड़े दुपहिया वाहनों को भी पूर्व में नुकसान पहुंचा चुके है। उन्होंने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इधर, पटवारी मोहन बसेड़ा ने कहा कि वह जांच कर रहे हैं। अराजक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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