कोविड के खिलाफ मजबूती से मैदान में डटी रही चम्पावत की दमयंती

बाराकोट विकास खंड के फर्तोला ग्राम पंचायत की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दमयंती वर्मा। दमयंती ने क्वारंटाइन में रखे गए प्रवासियों और प्रशासन के बीच सेतु का काम कर ग्रामीण इलाकों में संक्रमण को फैलने से रोका। क्वांरटाइन सेंटरों में भी उन्होंने प्रवासियों की हर संभव मदद की।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 05:43 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 05:43 PM (IST)
कोविड के खिलाफ मजबूती से मैदान में डटी रही चम्पावत की दमयंती
कोरोना के लक्षण दिखने पर वे कई लोगों को उपचार के लिए अस्पताल ले गई।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : कोरोना काल खंड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी अपने बुलंद हौंसले से महामारी के खिलाफ जंग लड़ी थी। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से हो या फिर व्यक्तिगत प्रयास से। दोनों क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं ने  संक्रमण को रोकने में अपना सौ फीसदी योगदान दिया था। ऐसे ही लोगों में शामिल हैं बाराकोट विकास खंड के फर्तोला ग्राम पंचायत की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दमयंती वर्मा। दमयंती ने क्वारंटाइन में रखे गए प्रवासियों और प्रशासन के बीच सेतु का काम कर ग्रामीण इलाकों में संक्रमण को फैलने से रोका। क्वांरटाइन सेंटरों में भी उन्होंने प्रवासियों की हर संभव मदद की।

     दमयंती वर्मा उर्फ दया बाराकोट के फर्तोला गांव की रहने वाली हैं। वे 12 साल से बाल विकास विभाग में अपनी सेवा दे रही हैं। कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से ही उन्हें बीआरसी बाराकोट, पंचायत घर धुरा, राजकीय प्राथमिक विद्यालय संतोला,  कन्या जूनियर हाईस्कूल फर्तोला में रखे गए प्रवासियों की देखरेख करने के साथ उनके स्वास्थ्य पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई। उन्हें हर रोज की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को देनी थी। इस काम को उन्होंने बखूबी अंजाम दिया। ड्यूटी के दौरान कभी देर शाम तक तो कभी रातभर काम करना होता था। कोरोना के लक्षण दिखने पर वे कई लोगों को उपचार के लिए अस्पताल ले गई। इसके अलावा सेवित क्षेत्र को लोगों को कोरोना बीमारी के प्रति जागरूक कर उन्हें मास्क बांटने का काम भी लगातार करती रहीं। 

ड्यूटी से हटकर जिस एक खास काम को लेकर वह चर्चा में रहीं वह यह कि उन्होंने क्वारंटाइन किए गए प्रवासियों को पेंटिंग और कोविड से जागरूकता के खिलाफ स्लोगन आदि लिखने के लिए प्रेरित किया। परिणाम यह हुआ कि कई प्रवासियों ने स्कूलों की दीवारों पर अच्छी पेंटिंग की। इसके अलावा उन्होंने स्वच्छता अभियान के साथ भी उन्हें जोड़ा और क्वारंटाइन सेंटरों के आस-पास सफाई करवाई। दमयंती के इस कार्य को देखते हुए खंड शिक्षा अधिकारी आरआर लोहिया ने उनकी तारीफ करते हुए सम्मानित करने का प्रस्ताव किया था। वर्तमान में वे कोविड वैक्सीन लगाने के लिए लोगों को प्रेरित कर रही हैं। अब तक अपने क्षेत्र के अलावा बाराकोट विकास खंड के लगभग 110 के करीब बुजुर्गों व 45 वर्ष से उपर के लोगों को वैक्सीनेशन के लिए टीकाकरण केंद्रों में भेज चुकी हैं।

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