अतिथि शिक्षकों के सामने नौकरी बचाने की चुनौती, प्रवक्ता पदों पर प्रमोशन से बढ़ा खतरा

माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक एलटी से प्रवक्ता पदों पर 713 शिक्षकों के प्रमोशन के बाद राज्य के करीब 600 अतिथि शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। दो नवंबर से स्कूल खुलने के बाद प्रमोशन पाए शिक्षकों के ज्वाइनिंग लेते ही ये सभी अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 06:30 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 06:30 AM (IST)
अतिथि शिक्षकों के सामने नौकरी बचाने की चुनौती, प्रवक्ता पदों पर प्रमोशन से बढ़ा खतरा
अत‍ि‍थ‍ि श‍िक्षकों की नौकरी संकट में पड़ गई है।

हल्द्वानी, जेएनएन: राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक एलटी से प्रवक्ता पदों पर 713 शिक्षकों के प्रमोशन के बाद राज्य के करीब 600 अतिथि शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। दो नवंबर से स्कूल खुलने के बाद प्रमोशन पाए शिक्षकों के ज्वाइनिंग लेते ही ये सभी अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। शासन या विभाग स्तर से न तो इनके समायोजन को लेकर कोई निर्णय लिया गया है और न ही कोई नियमावली बनाई गई है।

चाहे स्कूली शिक्षा हो, उच्च शिक्षा या तकनीकी शिक्षा, हर जगह सबसे पहली गाज अतिथि शिक्षकों पर ही गिरती आई है। हाल ही में सरकारी स्कूलों में प्रवक्ताओं के रिक्त पदों को प्रमोशन से भरने के बाद अब राज्यभर के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों के सामने नौकरी बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है। 28 अक्टूबर को माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय से प्रमोशन लिस्ट जारी की जा चुकी है। 

पांच साल से दे रहे हैं सेवा

2015 में राज्य के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, भौतिक विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, नागरिक शास्त्र, अर्थशास्त्र, इतिहास, समाजशास्त्र, कला, वाणिज्य, कृषि, शिक्षा, रसायन विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों के रिक्त पदों को भरने के लिए तत्कालीन राज्य सरकार ने अतिथि शिक्षकों को नौकरी पर रखा। कोई नियमावली न होने से नियुक्ति के दौरान कहा गया कि जिन रिक्त पदों पर उन्हें नियुक्ति दी जा रही है उन्हें भरे जाने के समय ये सभी पद रिक्त माने जाएंगे।

अल्पकालिक शिक्षक नियमावली बहाल हो

नौकरी के दिन गिन रहे अतिथि शिक्षकों के लिए 2017 में तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा अल्पकालिक शिक्षक नियमावली लाई गई। जिसके तहत अतिथि शिक्षकों का कार्यकाल तीन साल तक के लिए तय किया गया था। शर्त थी कि जिस अतिथि शिक्षक का इस सेवा काल में प्रदर्शन बेहतर होगा उसे स्थाई नियुक्ति दी जाएगी। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह दानू ने बताया कि नियमावली अस्तित्व में आती इससे पहले ही बेरोजगारों युवाओं की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई। तब से अब तक मामला कोर्ट में है। सरकारों ने भी नियमावली बहाल करने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया। 

ये है प्रदेश का हाल

विषय               प्रमोशन         प्रभावित अतिथि शिक्षक

हिंदी                34              25

अंग्रेजी             40              20

संस्कृत             56              35

भौतिक            97              50

गणित             145             70

जीव विज्ञान      160             100

नागरिक शास्त्र  35              15

अर्थशास्त्र         28               15

इतिहास           34              15

समाजशास्त्र      14              03

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