दमुवाढूंगा में भू-सर्वेक्षण व अभिलेख प्रणाली पर रोक को हाईकोर्ट में चुनौती, सरकार से मांगा जवाब

हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के जवाहर ज्योति दमुवाढूंगा में भूमि सर्वेक्षण एवं अभिलेख प्रणाली की प्रक्रिया को बंद करने को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की। सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 08:33 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 08:33 AM (IST)
दमुवाढूंगा में भू-सर्वेक्षण व अभिलेख प्रणाली पर रोक को हाईकोर्ट में चुनौती, सरकार से मांगा जवाब
दमुवाढूंगा में भू-सर्वेक्षण व अभिलेख प्रणाली पर रोक को हाईकोर्ट में चुनौती, सरकार से मांगा जवाब

नैनीताल, जागरण संवाददाता : हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के जवाहर ज्योति दमुवाढूंगा में भूमि सर्वेक्षण एवं अभिलेख प्रणाली की प्रक्रिया को बंद करने को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की। सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हल्द्वानी निवासी दीपक बल्यूटिया की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता का कहना है कि पिछले साल 13 मई को सरकार ने अधिसूचना जारी कर भूमि सर्वेक्षण एवं अभिलेख प्रणाली की प्रक्रिया को बंद कर दिया। इससे क्षेत्र के निवासियों को भूमि के विनियमितीकरण संबंधी अधिकार मिलने की संभावना खत्म हो गई है। कहा कि जवाहर ज्योति दमुवांढूंगा 650 एकड़ में फैला है यहां सात हजार परिवार निवास करते हैं।

1958 के बंदोबस्त में इस क्षेत्र को आरक्षित वन क्षेत्र में शामिल किया गया था। छह जुलाई 1969 को ग्राम पंचायत का गठन हुआ। क्षेत्र के विकास के मद्देनजर पांच मार्च 2014 को इस क्षेत्र को नगर निगम क्षेत्र में शामिल कर लिया गया। साथ ही आरक्षित वन क्षेत्र को अनारक्षित भूमि में परिवर्तित कर दिया गया। 15 दिसंबर 2016 को अधिसूचना जारी कर राजस्वग्राम बनाने की स्वीकृति भी प्रदान की गई।

20 दिसंबर 2016 को सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रियाओं के अधीन पूरे ग्राम के नक्शे व अभिलेख तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई। कोविड काल में 13 मई 2020 को जारी अधिसूचना में बंदाबस्ती की प्रक्रिया को निरस्त करने के साथ ही भूमि सर्वेक्षण एवं अभिलेख प्रणाली की प्रक्रिया को बंद कर दिया गया। याचिका में इस अधिसूचना को रद करने की मांग की गई है। साथ ही भूमि सर्वेक्षण व अभिलेख संक्रियाओं को फिर शुरू करने का आदेश पारित करने की प्रार्थना की गई है।

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