जहां से गुजरते हैं यशपाल, गजराज व राजेंद्र, उसी सड़क का हाल बेहाल

हल्‍द्वानी में जिस सड़क से सुबह से शाम जनप्रतिनिधि व बड़े नेता गुजरते रहते हैं वह सड़क कई महीनों से खस्ताहाल है। छड़ायल से गुजरने वाली रकसिया नाले के किनारे वाली इस सड़क पर आए दिन राहगीर गिरकर चोटिल हो रहे हैं इसका किसी को फर्क नहीं पड़ रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 11:33 AM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 11:33 AM (IST)
जहां से गुजरते हैं यशपाल, गजराज व राजेंद्र, उसी सड़क का हाल बेहाल
जहां से गुजरते हैं यशपाल, गजराज व राजेंद्र, उसी सड़क का हाल बेहाल।

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : हल्‍द्वानी में जिस सड़क से सुबह से शाम जनप्रतिनिधि व बड़े नेता गुजरते रहते हैं, वह सड़क कई महीनों से खस्ताहाल है। छड़ायल से गुजरने वाली रकसिया नाले के किनारे वाली इस सड़क के गड्ढों में आए दिन राहगीर गिरकर चोटिल हो रहे हैं, लेकिन इसका किसी को फर्क नहीं पड़ रहा है। जबकि स्थानीय लोग सड़क निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं।

छड़ायल क्षेत्र में बिड़ला स्कूल से संगम विहार तक की यह सड़क पिछले एक साल से क्षतिग्रस्त है। इस सड़क पर कई जगह बड़े-बड़े गड्डे हो गए हैं। इन गड्डों में दोपहिया वाहन अक्सर पलट जाते हैं। कई बार गंभीर चोट भी लग जाती है। ऐसा नहीं कि यह स्थिति किसी जनप्रतिनिध को नहीं दिखती है, जबकि इसी मार्ग के किनारे भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, दर्जा राज्य मंत्री गजराज बिष्ट और भाजपा के प्रदेश मंत्री राजेंद्र सिंह बिष्ट का आवास भी है। ये नेता अक्सर इस मार्ग से गुजरते हैं। फिर भी इस सड़क के निर्माण को लेकर किसी का ध्यान नहीं है। 

नगर निगम ने पहले ही खड़े किए हैं हाथ

यह क्षेत्र नगर निगम में शामिल है, लेकिन निगम ने पहले ही सड़क निर्माण को लेकर हाथ खड़े किए हैं। जबकि लोग सड़क निर्माण की गुहार पार्षद से भी लगाते हैं। लोगों को पार्षद से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलता है। 

आक्रोशित लोगों की ये है व्यथास्था 

स्‍थानीय निवासी नवीन चंद्र जोशी कहते हैं, सड़क के गड्डों को देखते हुए घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। कई बार स्कूटी पलट जाती है। राजा कुमार का कहना है कि हमारे सामने ही सड़क के इन गड्ढों पर लोग गिरते रहते हैं। दो लोगों का हाथ फ्रैक्चर भी हो गया। बहुत दिक्कत हो रही है।  सरकार को आम जन की समस्या पर ध्यान देना चाहिए। कई बार बीमार व्यक्ति को इस रास्ते से ले जाना पड़ता है तो हालत खराब हो जाती है। 

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