भारत से वन्यजीवों की चीन में तस्करी की आशंका पर केंद्र सरकार अलर्ट, टीम ने पिथौरागढ़ में डाला डेरा

भारत से वन्यजीवों की चीन में तस्करी की आशंका को लेकर केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले को टॉप प्रायर्टी में रखा गया है। भारतीय वन सेवा के उच्चाधिकारी की टीम इन दिनों पिथौरागढ़ में हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 01:46 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 05:22 PM (IST)
भारत से वन्यजीवों की चीन में तस्करी की आशंका पर केंद्र सरकार अलर्ट, टीम ने पिथौरागढ़ में डाला डेरा
भारत से वन्यजीवों की चीन में तस्करी की आशंका पर केंद्र सरकार अलर्ट, टीम ने पिथौरागढ़ में डाला डेरा

पिथौरागढ़, संवाद सहयोगी : भारत से वन्यजीवों की चीन में तस्करी की आशंका को लेकर केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। इस आशंका को लेकर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले को टॉप प्रायर्टी में रखा गया है। चीन और नेपाल से लगने वाली जिले की सीमाओं को देखते हुए भारतीय वन सेवा के उच्चाधिकारी की टीम इन दिनों पिथौरागढ़ में हैं। इन अधिकारियों ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों को मामले की गंभीरता से अवगत कराते हुए दो दिन तक तस्करी की रोकथाम के टिप्स दिए हैं।

चीन में हाल ही में रक्तचंदन और वन्य जंतु अंगों की तस्करी के कुछ मामले सामने आए हैं। रक्तचंदन भारत के दक्षिणी राज्यों में मिलता है। भारत से रक्तचंदन अंतर्राष्ट्रीय बार्डर पार करके ही चीन पहुंच सकता है। तस्कर इसके लिए भारत से वाया नेपाल होते हुए चीन (तिब्बत) तक पहुंचते हैं। इस दृष्टि से उत्तराखंड का पिथौरागढ़ जिला ही एकमात्र ऐसा स्थल है, जहां चीन-नेपाल और भारत की सीमाएं आपस में मिलती हैं।

मामले सामने आने के बाद वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया सतर्क हो गया है। वन्य जंतुओं की अंतर्राष्ट्रीय तस्करी पर निगाह रखने वाली संस्था ट्रैफिक इंडिया के मुखिया डा.राकेश बडोला, संस्थान के वैज्ञानिक मरविन फर्नाडीज, फोरेंसिक एक्सपर्ट डा.बीपी शर्मा पिथौरागढ़ पहुंचे हैं। इन अधिकारियों ने डीडीहाट आईटीबीपी परिसर में चीन और नेपाल सीमा पर तैनात आईटीबीपी, एसएसबी के उच्चाधिकारियों और बार्डर पर तैनात जवानों के साथ कार्यशाला की। कार्यशाला में अंतर्राष्ट्रीय बार्डर से वन्य जंतुओं की तस्करी को लेकर चर्चा हुई।

अधिकारियों ने बताया कि सीमा पर किस तरह तस्करी की रोकथाम की जाए। वन्य जंतुओं के अंगों को पहचानने के तरीके भी अधिकारियों और जवानों को बताए गए। सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल को जरू री बताते हुए कहा कि एजेंसियां सूचनाओं का आदान प्रदान करें और इनका विश्लेषण कर सटीक तैयारी रखें। कार्यशाला में प्रभागीय वनाधिकारी विनय भार्गव, उप प्रभागीय वनाधिकारी नवीन पंत मौजूद रहे।

पूर्व में सामने आ चुके हैं तस्करी के कई मामले

भारत और नेपाल के बीच तमाम प्रतिबंधित  वस्तुओं, वन्य जंतुओं के अंगों की तस्करी के मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं। चरस, तंबाकू उत्पाद के साथ ही गुलदार की खाल की तस्करी भारत नेपाल बार्डर पर होती रहती है। नेपाल में पकड़े गए कई तस्करों ने गुलदार की खाल भारत से लाए जाने या फिर भारत में पकड़े गए तस्करों ने नेपाल से खालें जाए जाने की जानकारी पूछताछ में सुरक्षा  एजेंसियों को दी है, हालांकि नेपाल सीमा पर एसएसबी तैनात है, बावजूद इसके बार्डर कई स्थानों पर खुला हुआ है। दोनों देशों के बीच सीमा रेखा बनाने वाली काली नदी को तस्कर ट्यूब के जरिए पार कर एक दूसरे देश में आवागमन करते हैं। पिथौरागढ़ से लगी चीन सीमा पर तस्करी मुश्किल है। इस क्षेत्र में आईटीबीपी के साथ ही भारतीय सेना की सख्त चौकसी है। बर्फ से ढकी रहने वाली इस सीमा पर तस्करी का कोई मामला आज तक सामने नहीं आया है। तस्करों के भारत से नेपाल और फिर चीन पहुंचने की आशंका इस बार्डर पर रहती है।

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