CBSE 10th Result 2021 : छात्रों का रहा ये मलाल, बोले-परीक्षा देकर यही अंक पाते तो अलग संतुष्टि होती
CBSE 10th Result 2021 सीबीएसई दसवीं का रिपोर्ट कार्ड बच्चों के हाथ में है। कोरोना की वजह से स्टूडेंट्स इस बार बोर्ड परीक्षा में नहीं बैठ सके। बोर्ड ने स्कूलों के आंतरिक मूल्यांकन व सालभर में हुए अलग-अलग टेस्ट के आधार पर रिजल्ट तैयार किया है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : CBSE 10th Result 2021 : सीबीएसई दसवीं का रिपोर्ट कार्ड बच्चों के हाथ में है। कोरोना की वजह से स्टूडेंट्स इस बार बोर्ड परीक्षा में नहीं बैठ सके। बोर्ड ने स्कूलों के आंतरिक मूल्यांकन व सालभर में हुए अलग-अलग टेस्ट के आधार पर रिजल्ट तैयार किया है। रिजल्ट से अधिकांश बच्चे खुश हैं और उत्साहित भी। 97 से 99.4 फीसद से अधिक अंक पाने वाले अधिकांश विद्यार्थियों ने अपने प्रदर्शन पर खुशी जताई। अधिकांश बच्चे फिर से परीक्षा देने की जरूरत नहीं समझते। विद्यार्थियों का तर्क है कि परीक्षा होती तब भी उनका प्रदर्शन अभी के परिणाम के आसपास होता। हालांकि परीक्षा देकर पाए अंकों की संतुष्टि अलग होती। इस मामले में मेधावियों की प्रतिक्रिया।
इससे और बेहतर आ सकते थे नंबर
बरेली रोड निवासी अभिनव जोशी ने 99.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। निर्मला कॉन्वेंट के छात्र अभिनव का कहना है कि परीक्षा हुई होती तो उनके नंबर इससे भी बेहतर आ सकते थे। बोले, वह फिर से परीक्षा देना चाहेंगे। अभिनव के पिता भुवन जोशी ट्रांसपोर्ट कारोबारी हैं, जबकि मां सुमिता जोशी अल्मोड़ा में कोषाधिकारी हैं। अभिनव ने कहा कि कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान शिक्षकों ने काफी मेहनत से पढ़ाया।
केवल गाइड कर सकती है ऑनलाइन क्लास
ऊंचापुल निवासी व सिंथिया स्कूल की छात्रा प्रिया पांडे ने 96.8 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। पिता गिरीश पांडे जीआइसी कालाढूंगी में प्रवक्ता हैं। मां सुशीला पांडे भी सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। प्रिया ने बताया कि भौतिक कक्षाएं बंद होने से नुकसान हुआ। ऑनलाइन कक्षाओं में थोड़ी बहुत गाइडेंस ही मिल पाती है। बाकी तैयारी खुद से ही करनी पड़ती है। हालात सामान्य हों तो वह स्कूल जाकर आगे की पढ़ाई पर बेहतर फोकस कर सकेंगी।
परीक्षा होती भी तो परिणाम यही होता
पीलीकोठी निवासी भूमिका जोशी ने 97 प्रतिशत अंकों के साथ सिंथिया में सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं। पिता दीप जोशी इंजीनियर हैं, जबकि मां कमला जोशी बेस अस्पताल में कार्यरत हैं। भूमिका ने कहा कि उन्होंने बोर्ड के लिए घर पर रहते हुए भी बेहतर तैयारी की थी। परीक्षा के बाद भी उनका परिणाम यही होता जो रिपोर्ट कार्ड हाथ में है। भूमिका ने बताया ऑनलाइन क्लास में खराब नेटवर्क व्यवधान बनता है। वह स्कूल जाना चाहती हैं।
माहौल देखकर तय होगी स्कूल की राह
हीरानगर निवासी काव्या पंत ने 96.2 प्रतिशत अंक लाकर सिंथिया में तीसरा स्थान बनाया है। काव्या के पिता हेम पंत सेंच्युरी पेपर मिल में कार्यरत हैं, जबकि मां कुसुम पंत शिक्षिका हैं। काव्या ने कहा कि वह प्राप्तांक से खुश हैं। हालांकि परीक्षा देकर पाए अंकों से संतुष्टि होगी। आगे स्कूल खुलने को लेकर उन्होंने कहा कुछ दिन स्कूल के माहौल, कोरोना के मामलों को देखने के बाद ही वह स्कूल जाएंगी। सुरक्षा व बचाव जरूरी है।
वास्तविक मूल्यांकन को परीक्षा जरूरी
कुसुमखेड़ा निवासी प्रज्ञा किमाडृी ने 99.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। निर्मला कॉन्वेंट में पढऩे वाली प्रज्ञा का कहना है परीक्षा के बाद भी वह अपना यही प्रदर्शन जारी रखती। हालांकि स्टूडेंट्स के वास्तविक मूल्यांकन के लिए प्रज्ञा ने परीक्षा को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लास में शुरुआत में परेशानी रही, लेकिन बाद में लय बन गई। प्रज्ञा की मां मंजू किमाड़ी आइटीआइ में प्रशासनिक अधिकारी हैं, पिता होटल मैनेजर हैं।