ऊधमसिंहनगर में फर्जी आय प्रमाण पत्रों से स्कूल में प्रवेश कराने पर नौ अभिभावकों पर केस

फर्जी आय प्रमाण पत्र के जरिये अभिभावकों ने अपने बच्चों का शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश करा दिए। तहसील स्तर पर प्रमाण पत्रों की जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई। जिसके बाद अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 06:20 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 06:20 PM (IST)
ऊधमसिंहनगर में फर्जी आय प्रमाण पत्रों से स्कूल में प्रवेश कराने पर नौ अभिभावकों पर केस
ऊधमसिंहनगर में फर्जी आय प्रमाण पत्रों से स्कूल में प्रवेश कराने पर नौ अभिभावकों पर केस

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : फर्जी आय प्रमाण पत्र के जरिये अभिभावकों ने अपने बच्चों का शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश करा दिए। तहसील स्तर पर प्रमाण पत्रों की जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई। जिसके बाद अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। सीओ सिटी अमित कुमार ने बताया कि नौ अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच एसआइ ललित पांडेय को सौंपी गई है।

पुलिस के मुताबिक उप शिक्षा अधिकारी डा. गुंजन अमरोही ने सौंपी तहरीर में कहा था कि जिले के कई स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आय प्रमाण के आधार पर बच्चों का प्रवेश किया गया है। प्रवेश के बाद आय प्रमाण-पत्रों की जांच तहसील स्तर पर की गई। इस दौरान रुद्रपुर के एक पब्लिक स्कूल के दिए आय प्रमाण पत्रों की जांच तहसील स्तर पर हुई।

जिसमें ट्रांजिट कैंप निवासी प्रकाश, यशवंत सिंह, खेड़ा निवासी यामीन, भूतबंगला निवासी उस्मान, दरियानगर निवासी गौरव रस्तोगी, रवींद्रनगर निवासी कैलाश, इंदिरा कालोनी निवासी हेमावती, ट्रांजिट कैंप निवासी मनी मोहन और खेड़ा निवासी मो. यूनिस के फर्जी आय प्रमाण पत्र लगाकर अपने बच्चों का स्कूल में प्रवेश कराने की पुष्टि हुई।

आरटीई के तहत क्‍या हैं प्रावधान

6 से 14 साल तक की उम्र के हर बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। सरकारी स्कूल सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराएंगे और स्कूलों का प्रबंधन स्कूल प्रबंधन समितियों यानी एसएमसी द्वारा किया जाएगा। निजी स्कूल 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए नामांकित करेंगे। स्कूलों द्वारा किए गए खर्च की भरपाई सरकार करेगी। शारीरिक दंड देने, बच्चों के निष्कासन, जनगणना, चुनाव, आपदा प्रबंधन कार्य के अलावा शिक्षकों के गैर शिक्षण कार्य में छात्रों की तैनाती पर रोक होगी।

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