भांग बना नैनीताल की महिलाओं के लिए स्‍वरोजगार का जरिया, पढ़ें खबर

नशे के रूप में जाना जाने वाला भांग का पौधा अब महिला हाथों को रोजगार दे रहा है। औद्योगिक भांग के पौधे से निकले रेशे से न सिर्फ मास्क और बैग बनाये जा रहे है बल्कि इससे बने अन्य उत्पाद भी लोगों द्वारा खासे पसंद किए जा रहे है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 03:06 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 03:06 PM (IST)
भांग बना नैनीताल की महिलाओं के लिए स्‍वरोजगार का जरिया, पढ़ें खबर
भांग बना नैनीताल की महिलाओं के लिए स्‍वरोजगार का जरिया, पढ़ें खबर

नैनीताल, जागरण संवाददाता : नशे के रूप में जाना जाने वाला भांग का पौधा अब महिला हाथों को रोजगार दे रहा है। औद्योगिक भांग के पौधे से निकले रेशे से न सिर्फ मास्क और बैग बनाये जा रहे है, बल्कि इससे बने अन्य उत्पाद भी लोगों द्वारा खासे पसंद किए जा रहे है। शहर की चेली आर्ट्स संस्था ने हेम्प (भांग) को रोजगार से जोड़ने का अनूठा प्रयोग किया है। शहर में संस्था द्वारा प्रदर्शनी लगाकर हेम्प के बने उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। इसके साथ ही पारंपरिक गेरू ऐपण, ऐपण आभूषण लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।

चेली आर्ट्स संस्था अध्यक्षा डॉ किरण तिवारी ने बताया कि 2018 में उन्होंने संस्था का गठन करने के बाद उत्तराखंड के पारंपरिक गेरू ऐपण के संरक्षण का कार्य शुरू किया। बाद में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को साथ लेकर इसे रोजगार से जोड़ लिया। इसी बीच हेम्प को लेकर उन्होंने काफी रिसर्च किया। जिसमें पाया कि भांग का पौधा बहुपयोगी है। उत्तरकाशी की हेम्प फाउंडेशन द्वारा औद्योगिक भांग से कई उत्पाद तैयार किये जा रहे है। बताया कि हेम्प फाउंडेशन से मिलकर उनके द्वारा भी हेम्प से मास्क, बैग और कई उत्पाद तैयार किये जा रहे है।

खेती में है लाइसेंस की बाध्यता

डॉ किरन ने बताया कि भांग का पौधा बहुपयोगी है। इसकी पत्तियां, बीज, रेशे, लकड़ी से कई तरह के उत्पाद तैयार किये जा सकते है। पत्तियो से ब्यूटी प्रोडक्ट्स और तेल, रेशे से रस्सी, हेम्प फाइबर से कपड़े और बीज को चटनी और मसाले के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। इसका उत्पादन कर किसान अच्छी आय का अर्जन कर सकते है। मगर इसकी खेती में लाइसेंस की बाध्यता है। सरकार यदि लाइसेंस में शिथिलता प्रदान करें तो यह कृषको के लिए बेहद लाभकर साबित हो सकता है।

पारंपरिक ऐपण का भी कर रही संरक्षण

चेली आर्ट्स संस्था पारंपरिक ऐपण के संरक्षण को लेकर भी कार्य कर रही है। संस्था से जुड़ी महिलाओं द्वारा गेरू ऐपण, आभूषण समेत कई कलाकृतिया और उत्पाद तैयार किए जा रहे है। जिनको संस्था द्वारा प्रदर्शनी लगाकर प्रदर्शित किया गया है। चेली आर्ट्स संस्था की अध्यक्ष डॉ किरन तिवारी ने बताया कि प्रदर्शनी में हेम्प उत्पाद, ऐपण, मेंटल आभूषण, मडुआ बिस्कुट, असोज घाम की बड़ी और अन्य उत्पाद प्रदर्शित किए गए है। संस्था द्वारा फिलहाल शहर की दस महिलाओ को इससे रोजगार दिया जा रहा है।

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