डीएलएड परीक्षा : अभ्यर्थियों ने ऑप्शन दिया कुमाऊं का, परीक्षा केंद्र मिला गढ़वाल
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर (नैनीताल) द्वारा डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) प्रशिक्षण के लिए प्रवेश परीक्षा चार दिसम्बर को राज्य भर में कराई जाएगी। लेकिन परीक्षा से पहले ही अभ्यर्थियों की मुसीबत बढ़ती नजर आ रही है।
हल्द्वानी, जेएनएन : उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर (नैनीताल) द्वारा डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) प्रशिक्षण के लिए प्रवेश परीक्षा चार दिसम्बर को राज्य भर में कराई जाएगी। लेकिन परीक्षा से पहले ही अभ्यर्थियों की मुसीबत बढ़ती नजर आ रही है। अभ्यर्थियों ने बोर्ड पर मनमाने ढंग से गढ़वाल के दूरस्थ जिलों के परीक्षा केंद्र आवंटित करने का आरोप लगाया है।
कालाढूंगी के बेलपोखरा निवासी अमित बिष्ट ने बताया कि उन्होंने 20 जनवरी को डीएलएड प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन फार्म भरा था। उनके साथ ही उनकी बहन और एक अन्य मित्र ने भी इसी दिन फार्म भरा। अमित ने बताया कि बोर्ड द्वारा फार्म भरते समय तीन परीक्षा केंद्रों के चुनाव की छूट दी थी। जिसके आधार उन्होंने पहला परीक्षा केंद्र नैनीताल जिला, दूसरा अल्मोड़ा जिला और तीसरा उधमसिंह नगर चुना। लेकिन बोर्ड की ओर से जारी किए गए एडमिट कार्ड में उन्हें चमोली के गोपेश्वर और माणा धींगराणा जैसे दूरस्थ परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए हैं। जबकि कोरोना संक्रमण काल में बिना किसी व्यवस्था के इतनी दूर परीक्षा देने में खतरा बना हुआ है। इसके अलावा वहां तक पहुंचने में धन और समय दोनों की बर्बादी होगी।
आरोप लगाया कि जो जिले उनकी प्राथमिकता में थे उनके बजाय कोई अन्य जिले के परीक्षा केंद्र का आवंटन करना बिल्कुल गलत है। कहा कि इतने बड़े नैनीताल जिले और उसके साथ अल्मोड़ा और उधमसिंह नगर जिले के परीक्षा केंद्रों को छोड़कर गढ़वाल के सीमांत जिलों में परीक्षा केंद्र देना व्यवहारिक नहीं है। कहा कि यदि इस तरह की मनमानी की जानी थी तो बोर्ड को आवेदन फार्म भरते समय ऑप्शन ही नहीं देने चाहिए थे। अभ्यर्थी अमित ने मामले में बोर्ड से परीक्षा केंद्रों का दोबारा आवंटन किये जाने का अनुरोध किया है।