Corbett News : कार्बेट में बाघ गणना के लिए लगाए कैमरे बहे, प्रभावित हो सकता है एनटीसीए का काम

Corbett News कार्बेट टाइगर रिजर्व में भी बाघों की गणना के लिए एक अक्टूबर को कार्बेट वाले हिस्से में 550 कैमरे लगाए गए थे। दिसंबर तक इन कैमरों का डेटा एकत्र किया जाना था। बाघों का डेटा कैमरों में एकत्र होने के बाद इसे एनटीसीए को भेजा जाना था।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 07:47 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 07:47 AM (IST)
Corbett News : कार्बेट में बाघ गणना के लिए लगाए कैमरे बहे, प्रभावित हो सकता है एनटीसीए का काम
सीटीआर के निदेशक राहुल ने बताया कि बारिश से सौ कैमरों को नुकसान पहुंचा है।

जागरण संवाददाता, रामनगर : Corbett News : कार्बेट टाइगर रिजर्व में दो दिन की बारिश में बाघों की गणना के लिए लगाए गए करीब सौ कैमरे बह गए। ऐसे में कार्बेट में बाघ गणना का कार्य भी प्रभावित होने के आसार हो गए हैं। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की ओर से हर चार साल में बाघों की गणना का कार्य देश भर के टाइगर रिजर्व में एक साथ कराया जाता है। कार्बेट टाइगर रिजर्व में भी बाघों की गणना के लिए एक अक्टूबर को कार्बेट वाले हिस्से में 550 कैमरे लगाए गए थे। दिसंबर तक इन कैमरों का डेटा एकत्र किया जाना था। इसके बाद यह कैमरे बाघों की गणना के लिए यहां से निकालकर कालागढ़ टाइगर रिजर्व में लगने थे। दोनों जगह के बाघों का डेटा कैमरों में एकत्र होने के बाद इसे एनटीसीए को भेजा जाना था।

एनटीसीए इस डेटा का विश्लेषण कर नतीजे जारी करता। लेकिन 18 व 19 अक्टूबर को आई बारिश की वजह से कार्बेट के जंगल में नदी, नाले उफान पर आ गए थे। इससे जंगल में नदी नालों व जंगलों के रास्ते पर लगाए गए कुछ कैमरे मलवे में दबकर खराब हो गए तथा कई बह गए। बारिश बंद होने के बाद जब विभागीय कर्मी अपनी रेंजों में जायजा लेने पहुंचे तो कैमरे के नुकसान की जानकारी हुई। सीटीआर निदेशक के मुताबिक करीब सौ कैमरों को नुकसान पहुंचा हैं। कैमरे खराब होने से बाघ गणना का कार्य भी प्रभावित होने की आशंका है। सीटीआर के निदेशक राहुल ने बताया कि बारिश से सौ कैमरों को नुकसान पहुंचा है। कई कैमरे बारिश में बह गए हैं। जो कैमरे मौके पर खराब हैं। उनकी चिप निकालकर डेटा निकालने का प्रयास किया जाएगा। 

खत्म हो गया बाघों का कैद डेटा
बाघों की गणना के लिए लगाए कैमरों में एक अक्टूबर से अब तक बाघों की कई तस्वीरें कैद हुई होंगी। लेकिन कैमरे बहने से इनमें आया बाघों का डेटा भी खत्म हो गया है। ऐसे में अब दोबारा से इन जगह पर कैमरे लगाए जाएंगे। ऐसे में बाघों का डेटा एनटीसीए को भेजने में कुछ समय लग सकता है।
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