बाघ, तेंदुए और हाथी के साथ अब तितलियों के लिए भी जाना जाएगा कार्बेट नेशनल पार्क

बाघ तेंदुए और हाथियों के लिए विख्‍यात कार्बेट नेशनल पार्क तितलियों के लिए भी जाना जाएगा। कार्बेट प्रशासन ढेला में बटरफ्लाई पार्क बना रहा है वहीं जैवविविधता से लबरेज रामनगर के ही क्यारी व पवलगढ़ क्षेत्र में भी तितली प्रेमी तितलियों का अद्भुत संसार बसाने की तैयारी में लगे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 06:30 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 06:30 PM (IST)
बाघ, तेंदुए और हाथी के साथ अब तितलियों के लिए भी जाना जाएगा कार्बेट नेशनल पार्क
बाघ, तेंदुए और हाथी के साथ अब तितलियों के लिए भी जाना जाएगा कार्बेट नेशनल पार्क

जागरण संवाददाता, रामनगर : बाघ, तेंदुए और हाथियों के लिए विख्‍यात कार्बेट नेशनल पार्क तितलियों के लिए भी जाना जाएगा। कार्बेट प्रशासन ढेला में बटरफ्लाई पार्क बना रहा है, वहीं जैवविविधता से लबरेज रामनगर के ही क्यारी व पवलगढ़ क्षेत्र में भी तितली प्रेमी तितलियों का अद्भुत संसार बसाने की तैयारी में लगे हैं। इससे पर्यटक तो आकर्षित होंगे ही तितलियों पर शोध करने वालों के लिए भी यह विशेष जोन मददगार साबित होगा।

ढेला का पार्क जल्द आएगा अस्तित्व में

कार्बेट प्रशासन ढेला में वन विभाग की करीब एक हेक्टेयर भूमि पर बटरफ्लाई पार्क बना रहा है। इसके लिए सोलर फेंसिंग, बाउंड्री वाल व ट्रेल तैयार कर ली गई है। यहां आकर्षक रंग-बिरेंगे फूल भी लगाए जा रहे हैं। यह पौधों की ऐसी प्रजाति भी लगाई गई है जिनमें तितलियां अंडे देती हैं।

मिलकर करेंगे काम तो बनेगी बात

रामनगर के तितली विशेषज्ञ संजय छिम्वाल कहते है कि कार्बेट लैंडस्केप यानी बाहरी क्षेत्र में अभी तक तितलियों की 150 प्रजातियां दिखी हैं। यह संख्या इस बार 250 पार कर सकती हैं। तितली त्यार संस्था के गौरव खुल्बे के मुताबिक वन व पर्यटन विभाग मिलकर इस पर ठोस पहल शुरू करें तो ढेला के अलावा पवलगढ़ व क्यारी एरिया भी बटरफ्लाई जोन के रूप में नजर आएगा।

रामनगर में दिखी हैं 40 नई प्रजाति

बांम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के तितली विशेषज्ञ सोहेल मदान कहते हैं कि पूरे देश में लगभग 1300 प्रजातियां रिकार्ड की गई है। पिछले साल देश भर में तितलियों की गणना में केवल 550 प्रजातियां ही देखी जा सकीं थीं। हालांकि तब कई हिस्सों में तितलियों की गणना नही हो पाई थी। इधर, रामनगर में भी 40 नई प्रजाति की तितली हाल में देखी गई हैं। ये प्रजातियां अब तक इस क्षेत्र में नहीं दिखी थीं।

तितली महोत्सव बन रहा मददगार

कार्बेट लैंडस्केप का क्यारी गांव जैव विविधता से परिपूर्ण है। पिछले साल से महोत्सव आयोजित कर रही संस्था ने रामनगर को तितलियों की मौजूदगी के लिहाज से उभारा। इसके तहत इस बार भी क्यारी, ढेला, रिंगोडा, ढिकुली, कालाढूंगी व पनोट क्षेत्र में तितली गणना के अलावा फोटोग्राफी, स्लाइड शो के जरिये जागरूक किया जा रहा है। इससे तितलियों की वास्तविक मौजूदगी भी सामने आएगी।

तितलियों की पसंद वाले फूलों की पौध लगाए जाएंगे

तराई पश्चमी वन प्रभाग के डीएफओ बीएल शाही ने बताया कि बटरफ्लाई ट्रेल बनाने के साथ-साथ तितलियों की पसंद वाले फूलों की पौध भी जगह-जगह लगाए जाएंगे। इससे तितलियां और अधिक आकर्षित होंगी। उम्मीद है कि बाघ व हाथी के साथ-साथ तितलियों के पर्यटन के रूप में रामनगर की पहचान बनेगी।

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