बिना प्रयोग के खंडहर में तब्दील हो गया आदि कैलाश पर्यटन विकास योजना के तहत 50 लाख से बना भवन

सरकारी धन की बर्बादी का उदाहरण देना हो तो भीमताल ब्‍लॉक के पिनरौ में आदि कैलाश पर्यटन योजना का उदाहरण सर्वश्रेष्ठ होगा। इस योजना को 2008 में शुरू किया गया पर 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक यह परवान नहीं चढ़ पाई।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 09:49 AM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 09:49 AM (IST)
बिना प्रयोग के खंडहर में तब्दील हो गया आदि कैलाश पर्यटन विकास योजना के तहत 50 लाख से बना भवन
बिना प्रयोग के खंडहर में तब्दील हो गया आदि कैलाश पर्यटन विकास योजना के तहत 50 लाख से बना भवन

भीमताल, जागरण संवादददाता : सरकारी धन की बर्बादी का उदाहरण देना हो तो भीमताल ब्‍लॉक के पिनरौ में आदि कैलाश पर्यटन योजना का उदाहरण सर्वश्रेष्ठ होगा। इस योजना को 2008 में शुरू किया गया पर 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक यह परवान नहीं चढ़ पाई। लाखों रुपए से निर्मित सामुदायिक भवन भी अब खंडहर हो चुके हैं। 

भारत सरकार की योजना के अन्तर्गत पिनरौ में एक सामुदायिक भवन के निर्माण के साथ-साथ एक क्षेत्र की वेबसाइट और पर्यटन को विकसित करने के लिए कई कार्य प्रस्तावित किए गए। महत्वपूर्ण योजना के अन्तर्गत भारत सरकार को कुल सत्तर लाख देने थे। जिसमें से पचास लाख हट निर्माण, पार्किंग आदि का निर्माण के लिए और बीस लाख वेबसाइट व रोजगार आदि उपलब्‍ध कराने के लिये स्‍वीकृत हुए। इसमें उत्तराखंड सरकार का 32 लाख देना था था। भारत सरकार ने 70  लाख तत्काल अवमुक्त कर दिये। कार्यदायी संस्था कुमाऊं मंडल विकास निगम को बनाया गया। वेबसाइट आदि बनाने का जिम्मा झारखंड की समर फाउंडेशन नाम की एनजीओ का सौंपा गया। एनजीओ ने वेब साइट निर्माण के अलावा करीब सत्तर फीसद कार्य पूरा किया और तब से नदारद है, जबकि उत्तराखंड सरकार ने आज तक एक रु भी इस योजना में नहीं दिया। 

वहीं दूसरी तरफ छह वर्ष पूर्व भारत सरकार ने दस लाख रुपये और भी अवमुक्त कर दिए। कार्यदायी संस्था के द्वारा इस धन का प्रयोग आज तक इस भवन में नहीं किया गया। नतीजन पूरा भवन 12 वर्ष के भीतर खंडहर में तबदील हो गया। अब जब शिव रात्रि का पर्व आने को है और हजारों की संख्या में श्रद्धालु क्षेत्र में आते हैं यह भवन किसी को भी आसरा देने की स्थिति में नहीं है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य उमेश पलडिय़ा ने आला अधिकारियों से योजना के अन्तर्गत कार्य को पूरा करने की मांग की है।

वेब साइट बनाये बगैर गायब हो गई एनजीओ

योजना के अन्तर्गत पर्यटन को क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए बीस लाख से वेब साइट निर्माण के साथ-साथ फोटोग्राफी का प्रशिक्षण, स्थानीय व्यंजन निर्माण का प्रशिक्षण, पर्यटकों को सांस्कृतिक कार्यक्रम दिखाना और लोक संस्कृति की जानकारी उपलब्ध कराना था। पूर्व बीडीसी सदस्य उमेश पलडिय़ा बताते हैं कि एनजीओ द्वारा एक दो कार्य किये गये पर वेब साइट निर्माण आदि का कार्य पूरा नहीं किया गया । 

सुविधाओं से युक्त होना था सामुदायिक भवन

योजना के अन्तर्गत बनने वाला भवन सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त होना था। जिसके अन्तर्गत एक किचन, दो कक्ष और एक स्वागत कक्ष का निर्माण तो हुआ पर धन नहीं मिलने के कारण सभी कार्य आधे अधूरे ही रहे। भवन में न बिजली है और ना ही पानी। बजट ने होने के कारण फर्नीचर आदि की व्‍यवस्‍था की ही नहीं गई। नतीजा देखरेख के अभाव में अब वह खंडहर हो चुका है।  

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