नए डिग्री कॉलेज में एडमिशन के लिए भटक रहे छात्र तो प्राचार्य खोज रहे कालेज भवन

नैनीताल जिले में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एडमिशन के लिए कालेज खोज रहे हैं। वहीं छात्रों की सुविधा के लिए खोले जा रहे नए कालेज में प्राचार्य की तैनाती कर दी गई है। जो कि अब नए सिरे से कालेज भवन खोजने में लग गए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 09:20 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 09:20 AM (IST)
नए डिग्री कॉलेज में एडमिशन के लिए भटक रहे छात्र तो प्राचार्य खोज रहे कालेज भवन
नए डिग्री कॉलेज में एडमिशन के लिए भटक रहे छात्र तो प्राचार्य खोज रहे कालेज भवन

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : नैनीताल जिले में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एडमिशन के लिए कालेज खोज रहे हैं। वहीं छात्रों की सुविधा के लिए खोले जा रहे नए कालेज में प्राचार्य की तैनाती कर दी गई है। जो कि अब नए सिरे से कालेज भवन खोजने में लग गए हैं। ऐसे में सवाल यह है कि कालेज कब तक शुरू हो पाएगा।

राजकीय डिग्री कालेज हल्द्वानी में एक सितंबर से ही शिक्षा सत्र की शुरुआत होनी थी। जिसके लिए आनन-फानन में उच्च शिक्षा निदेशालय ने नोडल अधिकारी की नियुक्ति की। नोडल अधिकारी अमित सचदेवा ने कई विकल्पों पर विमर्श के बाद नए कालेज के लिए जीजीआइसी दौलतपुर को फाइनल किया। जहां बताया गया कि पांच बड़े कमरे खाली हैं, जिसमें नए कालेज का संचालन शुरू किया जाएगा। तैयारी पूरी हुई तो कालेज के लिए शासनादेश का इंतजार शुरू हुआ। देर सवेर कालेज के लिए शासन से आदेश भी आ गया।

अगले चरण में शासन ने कालेज के लिए प्रभारी प्राचार्य के नाम घोषित कर दिए तो छात्रों को शीघ्र प्रवेश की आस जगी। 26 अक्टूबर को रानीखेत डिग्री कालेज के प्राध्यापक संजय कुमार ने प्रभारी प्राचार्य पद पर ज्वाइन किया। प्राचार्य के ज्वाइन करने के बाद जहां प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जानी थी तो अब उसकी जगह फिर से एबीसीडी के स्तर से शुरुआत हो गई है।

ढाक के वही तीन पात की कहावत के आधार पर अब कालेज के लिए जीजीआइसी दौलतपुर को रिजेक्ट कर दिया गया है। नवनियुक्त प्रभारी प्राचार्य का कहना है कि जीजीआइसी में लड़कियों के साथ को एजूकेशन का कालेज संचालित करना सही निर्णय नहीं है। वहीं उन्होंने अब कालेज में पर्याप्त जगह नहीं होने का भी हवाला दिया है। जिससे पूर्व में लिए गए निर्णय पर भी सवाल उठाया है। नए डिग्री कालेज में प्रवेश की आस संजोए छात्र-छात्राओं को अब फिर से लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

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