अनुबंधित पर ब्रेक, ज्यादा बस चलाने से परहेज, आरएम ने कुमाऊं मंडल के सभी एआरएम को दिए आदेश
आरएम कुमाऊं यशपाल सिंह ने सभी एआरएम को निर्देश दिए है कि सवारियों की कमी है इसलिए ज्यादा बस चलाने से परहेज करें। कोशिश करें कि सवारियों को दूसरी बस में बस स्टेशन में ही शिफ्ट कर दें। ताकि यात्रियों को भी दिक्कत न हो।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कोविड कफ्र्यू और दिल्ली व उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढऩे से रोडवेज बसों के सामने सवारियों का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में अनुबंधित बसों के संचालन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। वहीं, आरएम कुमाऊं यशपाल सिंह ने सभी एआरएम को निर्देश दिए है कि सवारियों की कमी है, इसलिए ज्यादा बस चलाने से परहेज करें। कोशिश करें कि सवारियों को दूसरी बस में बस स्टेशन में ही शिफ्ट कर दें। ताकि यात्रियों को भी दिक्कत न हो।
मंडलीय महाप्रबंधक यशपाल सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसें भी अब कम आ रही है। मुख्यालय स्तर से दूसरे राज्यों में संचालन को लेकर भी जल्द फैसला लिया जाना है। इसलिए अफसरों से कहा गया है कि पांच-सात सवारियों में पूरी बस भेजने की बजाय दूसरी गाड़ी में शिफ्ट कर दूसरी बस को डिपो वापस भेज दें।
सिर्फ 4.44 लाख पहुंची इनकम
अप्रैल में हर साल 12 से 13 लाख रुपये कमाने वाला हल्द्वानी डिपो इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहा है। स्टेशन प्रभारी रवि शेखर कापड़ी ने बताया कि प्रतिदिन की आय सबसे कम यानी चार लाख 44 हजार तक पहुंच गई। रोडवेज की गिरती आय के कारण ही कर्मचारियों की महीनों की सैलरी लटकी हुई है।
अनुबंधित पहले से घाटे का सौदा
अनुबंधित बसों को रोडवेज द्वारा किमी के हिसाब से भुगतान किया जाता है। इसमें चालक ठेकेदार का और परिचालक निगम का होता है। वाल्वो, एसी से लेकर सामान्य बसें तक अनुबंध पर चलती है। अब सवारियों के अभाव में इनका संचालन और घाटे का सौदा बनता।
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