तीन ब्लड बैंकों में सामान्य दिनों में होता था 900 यूनिट से अधिक ब्लड, इस समय 80 यूनिट भी नहीं

शहर के ब्लड बैंकों में एक बार फिर से ब्लड की कमी हो गई है। शहर के तीन ब्लड बैंकों में जहां सामान्य दिनों में 900 यूनिट से अधिक ब्लड उपलब्ध रहता था वहीं इस समय 80 यूनिट तक ब्लड नहीं हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 04:28 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 04:28 PM (IST)
तीन ब्लड बैंकों में सामान्य दिनों में होता था 900 यूनिट से अधिक ब्लड, इस समय 80 यूनिट भी नहीं
शहर के ब्लड बैंकों में एक बार फिर से ब्लड की कमी हो गई है।

हल्द्वानी, जेएनएन : कोरोना का संकट बढ़ने के साथ ही शहर के ब्लड बैंकों में एक बार फिर से ब्लड की कमी हो गई है। इसके चलते गंभीर रूप से बीमार मरीजों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। शहर के तीन ब्लड बैंकों में जहां सामान्य दिनों में 900 यूनिट से अधिक ब्लड उपलब्ध रहता था, वहीं इस समय 80 यूनिट तक ब्लड नहीं हैं। जबकि कोरोना के गंभीर मरीजों के अलावा कैंसर, हीमोफीलिया समेत कई बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को अक्सर ब्लड की आवश्यकता रहती है। इस समय तीनों ब्लड बैंकों में 20-25 मरीजों के लिए ब्लड की डिमांड आ रही है। ऐसे में मरीज ब्लड की बूंद को तरस गए हैं।

ये है स्थिति

डॉ. सुशीला तिवारी कोविड अस्प्ताल के ब्लड बैंक में 800 से अधिक यूनिट ब्लड रखने की क्षमता है। यहां पर प्लाज्मा से लेकर ब्ल्ड कंपोनेंट सेपरेटर भी है। इसलिए हर समय ब्ल्ड की आवश्यकता रहती है। यहां पर केवल 27 यूनिट ब्ल्ड बचा है। इसमें भी कई ग्रुप का ब्लड नहीं है। बेस अस्प्ताल के ब्लड बैंक की हालत भी यही है। वहां पर भी 30 यूनिट ब्लड बचा है। निजी ब्लड बैंक में भी 35 यूनिट ही ब्लड शेष है।

कुमाऊं भर के मरीजों को हो रहा उपचार

हल्द्वानी में कुमाऊं भर के मरीज उपचार को पहुंचते हैं। इस समय पूरे मंडल से कोरोना के गंभीर मरीज भी शहर के ही डॉ. सुशीला तिवारी कोविड अस्पताल पहुंच रहे हैं। भर्ती मरीजों की संख्या 270 है। जबकि अन्य 70 गंभीर मरीज भी भर्ती हैं। इसी शहर में प्रमुख निजी अस्पताल भी हैं। जहां गंभीर मरीज हैं। ऐसे में ब्लड की आवश्यकता लगातार रहती है।

केस एक

एसटीएच में भर्ती हल्द्वानी निवासी 59 वर्षीय व्यक्ति कैंसरग्रस्त होने के साथ ही कोरोना संक्रमित भी है। इस मरीज को अक्सर ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में परिवार के सभी सदस्य रक्तदान कर चुके हैं। अभी और ब्लड की आवश्यकता है। परिजन राजेश चंद्र का कहना है कि लोग ब्लड डोनेशन को तैयार नहीं है। यहां तक कि रिश्तेदार भी ब्लड डोनेशन को आगे नहीं आ रहे हैं। इसलिए बहुत अधिक दिक्कत हो रही है।

केस दो

एसटीएच में भर्ती लालकुआं निवासी कोरोना पॉजिटिव 29 वर्षीय गर्भवती की डिलीवरी होनी थी। उसे ए पॉजिटिव ब्लड की जरूरत पड़ गई। डाॅक्टर ने तत्काल इंतजाम करने को कहा, लेकिन इस ग्रुप का ब्लड बैंक में उपलब्ध नहीं था। जैसे-तैसे चार घंटे बाद परिजन ब्लड का इंतजाम कर सके।

रक्तदान करने से डर रहे लोग

कोरोना काल से पहले जगह-जगह रक्तदान शिविर लग रहे थे। लोग स्वैच्छिक रूप से रक्तदान को आगे आते थे। इस समय कंपनियां हो या संस्थाएं, शिविर लगाने से इन्कार कर रही हैं। तमाम लोग कोरोना संक्रमित हैं, तो कुछ लोग डर के चलते रक्तदान करने से बच रहे हैं।

डरें नहीं, स्वस्थ व्यक्ति कर सकता है रक्तदान

एसटीएच की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. सलोनी उपाध्याय का कहना है कि स्वस्थ व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है। वह हर तीन महीने में एक बार रक्तदान कर सकता है। इससे शरीर में किसी तरह की कमजोरी नहीं होगी। स्वर्गीय बालकिशन देवकी जोशी ब्लड बैंक के प्रशासक प्रकाश मेहता कहते हैं, नियमित ब्लड डोनर भी इस समय दूरी बनाए हुए हैं। जबकि उन्हें समझाया जा रहा है। बहुत मुश्किल से ही ब्लड मिल पा रहा है। लोगों को संकट के समय आगे आना चाहिए।

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