भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रावत ने कहा, कृषि विधेयक किसान हित में, विपक्ष कर रहा गुमराह
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत ने कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवद्र्धन एवं सरलीकरण) कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयकों को किसान हित में बताया है। तीनों विधेयक किसानों को कृषि उपज के विपणन और उसकी कीमत निर्धारण की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत ने कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवद्र्धन एवं सरलीकरण), कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयकों को किसान हित में बताया है। गुरुवार को कुमाऊं संभाग कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान रावत ने कहा तीनों विधेयक किसानों को कृषि उपज के विपणन और उसकी कीमत निर्धारण की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं। विपक्षी दल दुष्प्रचार कर किसानों को भ्रमित करने में लगे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि राजनीतिक दल अपनी राजनीति महत्वकांक्षा के लिए किसानों के हित से खिलवाड़ करने का प्रयास कर रहे हैं। जिस पार्टी के सबसे बड़े नेता प्रधानमंत्री राहत कोष का पैसा अपने लिए निकालें और चीन से भी पैसा ले लें उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है। विपक्ष भ्रम फैला रहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। कृषि बिल में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। कृषि बिल में किसानों की जमीन की बिक्री, लीज और गिरवी रखना पूरी तरह से निषिद्ध है। करार जमीन का नहीं बल्कि फसलों का होना है।
रावत ने कहा कि कृषक कीमत आश्वासन व करार विधेयक 2020 व्यापारियों, कंपनियों, प्रसंस्करण इकाइयों, निर्यातकों से सीधे जुडऩे का मार्ग प्रशस्त करता है। यह बिल बिचौलियों की व्यवस्था को समाप्त करने की दिशा में उठाया गया कदम है। बिल आने से मंडी समाप्त नहीं होने जा रही। किसान फसल बेचने के लिए स्वतंत्र हैं। प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, मीडिया प्रभारी उमेश शर्मा, संजय दुम्का मौजूद रहे।