सीएम धामी आंदोलनकारियों से मिले होते तो 12 दिन पूर्व हो सकता था आंदोलन समाप्त, हरदा ने मारी बाजी

डीडीहाट दौरे पर आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यदि आंदोलनकारियों से मिल गए होते तो आज डीडीहाट में ऐसा नजारा नहीं होता। भाजपा की इस चूक पर आखिर कांग्रेस ने निशाना साधा। हरीश रावत ने विस चुनाव से पूर्व कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 08:22 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 08:22 PM (IST)
सीएम धामी आंदोलनकारियों से मिले होते तो 12 दिन पूर्व हो सकता था आंदोलन समाप्त, हरदा ने मारी बाजी
सीएम धामी आंदोलनकारियों से मिले होते तो 12 दिन पूर्व हो सकता था आंदोलन समाप्त

संवाद सूत्र, डीडीहाट : 12 दिन पूर्व डीडीहाट दौरे पर आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यदि आंदोलनकारियों से मिल गए होते तो आज डीडीहाट में ऐसा नजारा नहीं होता। भाजपा की इस चूक पर आखिर कांग्रेस ने निशाना साधा। हरीश रावत ने अपनी राजनीतिक सूझबूझ का उपयोग कर विस चुनाव से पूर्व कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया। (Uttarakhand Assembly Elections 2022)

डीडीहाट जिले की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन का सभी का समर्थन मिल रहा था। आंदोलनकारियों को सत्त्तारू ढ़ पार्टी से बहुत आस थी। ऊपर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के डीडीहाट दौरे और उनके पैतृक गांव के डीडीहाट क्षेत्र में ही होने से जनता उन पर बड़ा विश्वास कर रही थी। सीएम ने जिस स्थान पर सभा को संबोधित किया वहीं पर आंदोलनकारी अनशन पर बैठे थे। आंदोलनकारियों को यह भरोसा था कि सीएम सभा के बाद उनसे मिलेंगे और आश्वासन देंगे। यह तय था कि सीएम के आश्वासन पर आंदोलन उसी दिन समाप्त होने के आसार थे। पुष्कर सिंह धामी सभा के बाद सीधे चले गए। इस दौरान युवाओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए।

इस घटनाक्रम के बाद सायं को सांसद अजय टम्टा और पेयजल मंत्री विशन सिंह चुफाल अनशन स्थल पर पहुंचे थे और आंदोलनकारियों से आंदोलन समाप्त करने की अपील की। आंदोलनकारियों ने सीएम के चार कदम चल कर अनशनस्थल तक नहीं आने को बेहद गंभीर माना और सरकार को लेकर अपनी नाराजगी जता दी। भाजपा की इस चूक का बुधवार को कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपनी सूझबूझ से लाभ उठाया। डीडीहाट पहुंचते ही सबसे पहले अनशन स्थल पर जाकर आंदोलनकारियों से मिले। उनसे बात की और उन्हें भरोसा दिलाया और आंदोलन समाप्त कर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में सफल रहे।

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